- पदाधिकारियों ने कालाजार प्रभावित गांव का किया दौरा
- आईआरएस छिड़काव कार्यो का लिया जायजा
- आशा, सेविका व जीविका दीदियों के साथ बैठक कर कालाजार पर हुई चर्चा
छपरा: कालाजार उन्मूलन की दिशा में विभाग के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। सारण जिले को कालाजार मुक्त करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में कालाजार उन्मूलन के लिए केंद्रीय टीम के द्वारा सारण जिले के कालाजार प्रभावित गांव का निरीक्षण किया गया । तीन दिवसीय दौरे पर आयी टीम के द्वारा पहले दिन मंगलवार को दरियापुर प्रखंड में आईआरएस छिड़काव अभियान का निरीक्षण किया गया। साथ ही कालाजार के मरीजों से मुलाकात कर आवश्यक जानकारी दी गई तथा फीडबैक लिया गया। इस टीम में भारत सरकार के वरीय सलाहकार डॉ वीके रैना, पीसीआई के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अशोक सोनी समेत अन्य कई पदाधिकारी शामिल है। टीम के सदस्यों ने कालाजार को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का भी जायजा लिया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने टीम के सदस्यों को बताया कि पूरे बिहार में मात्र 4 प्रखंड कालाजार प्रभावित है। जिसमें तीन प्रखंड सारण में है। इसमें दरियापुर, परसा और गड़खा प्रखंड शामिल है। सभी प्रखंडों में सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। 66 दिनों तक यह अभियान चलेगा 5 मार्च से इस अभियान की शुरुआत की गई है। टीम के द्वारा दूसरे दिन परसा प्रखंड के परसौना गाँव मे भ्रमण किया गया। इस मैके पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी आरके सिंह, मुखिया डॉ साबित देवी, डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, केयर इंडिया के डीपीओ वीएल आदित्य कुमार समेत अन्य मौजूद थे।
आशा सेविका व जीविका दीदियों की सहभागिता महत्वपूर्ण
निरीक्षण के दौरान पदाधिकारियों ने गांव में आशा कार्यकर्ता, सेविका, जीविका दीदी तथा पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और बैठक के दौरान कालाजार मरीजों की पहचान कर स्वास्थ्य संस्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रेरित किया गया। इस मौके पर भारत सरकार के वरीय सलाहकार डॉ वीके रैना ने बताया कि कालाजार उन्मूलन में सभी की सहभागिता अति आवश्यक है। अगर आसपास के किसी व्यक्ति में लक्षण दिखे तो उसे कालाजार की जांच करा लेना आवश्यक है और इस अभियान में जीविका दीदी आंगनबाड़ी सेविका आशा कार्यकर्ता और मुखिया तथा जनप्रतिनिधियों की सहयोग अपेक्षित है।
कालाजार उन्मूलन की ओर अग्रसर है सारण
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कालाजार मरीजों की संख्या में भी कमी आयी है। अब मात्र 34 कालाजार के मरीज हैं । वर्ष 2021 तक कालाजार मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है जिसे हर हाल में पूरा करना है। कालाजार पीड़ित व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं।
जन-जागरूकता व सामूहिक सहभागिता से हारेगा कालाजार
पीसीआई के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अशोक सोनी ने कहा कि कालाजार समाज के लिए काली स्याह की तरह है। इस बीमारी को जन-जागरूकता व सामूहिक सहभागिता से ही हराया जा सकता है। कालाजार तीन तरह के होते हैं । जो वीएल कालाजार, वीएल प्लस एचआइवी और पीकेडीएल हैं । बताया कि कालाजार रोग लिशमेनिया डोनी नामक रोगाणु के कारण होता है। जो बालू मक्खी काटने से फैलता है। साथ ही यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार व अन्य विपरीत लक्षण शरीर में महसूस होने पर अविलंब जांच कराना अति आवश्यक है।