पटना: हाजीपुर से है जहां पटना स्थित पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले अपहृत मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी को पटना पुलिस ने हजीपुर नगर थाना पुलिस की मदद से बरामद कर लिया. हजीपुर नगर थाना पुलिस ने शनिवार को चोरी के आरोप में भीड़ द्वारा की जा रही पिटाई से स्वास्थ्यकर्मी को बचाकर इलाज कराया था. जानकारी के बाद पत्रकारनगर थाना पुलिस शनिवार की देर रात हजीपुर आकर उसे बरामद कर अपने साथ पटना ले गयी।
इस संबंध में हाजीपुर नगर थाना परिसर से बाहर निकल रहे पत्रकार नगर थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती से पूछे जाने पर इन्होंने बताया कि पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के योगीपुर की रहने वाली दीपा कर्ण नामक महिला शुक्रवार को थाना पहुची थी. इन्होंने बताया कि इनके पति जिनका नाम बीरेंद्र कुमार है, गुरुवार को नौकरी के सिलसिले में मुजफ्फरपुर गए थे. पुलिस व परिजनों के अनुसार मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में डेंटल टेक्नीशियन के पद पर वीरेंद्र कर्ण बीते 17 फरवरी की रात नौ बजे मुजफ्फरपुर से पटना के लिए कार बुक किया. इसके बाद वहां से निकले. इसके बाद उन्होंने करीब दस बजे अंतिम बार अपनी पत्नी दीपा कर्ण से फोन पर बात की और यह जानकारी दी कि वह 40 मिनट में घर पहुंच जायेंगे।
एफआईआर के बाद वरीय अधिकारियों के निर्देश पर तीन – चार अलग- अलग टीम बनाई गई और अनुसंधान शुरू किया गया. टीम मुजफ्फरपुर और वैशाली पुलिस के भी संपर्क में थी. इसी दौरान हजीपुर नगर थाना की मदद से स्वास्थ्यकर्मी को हाजीपुर क्षेत्र के मड़ई से बरामद कर लिया गया है. स्वास्थ्य कर्मी डेंटल तकनीशियन है और इसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान है।
पुलिस इस मामले में जांच कर रही है. वहीं इस संबंध में नगर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार की सुबह में सूचना मिली कि चोरी के प्रयास के दौरान एक व्यक्ति को भीड़ धुनाई कर रही है और बांध कर रखा है. सूचना पर पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुच कर उस व्यक्ति को वहां से निकाल कर इलाज कराया और थाना ले आयी. इस दौरान इस व्यक्ति के बारे में छानबीन के दौरान जानकारी हुई कि इस व्यक्ति को खोजने के लिए पटना पुलिस की कई टीमें लगी है. इस व्यक्ति के अपहरण का मामला दर्ज है. इसके बाद पटना पुलिस को जानकारी दी गयी. जिसके बाद पत्रकारनगर थानाध्यक्ष और उक्त व्यक्ति के परिजन हाजीपुर पहुंचे और आगे की कार्रवाई के लिए पटना ले गए।
पुलिस की पूछताछ में फिलहाल पूरी स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाये हैं, लेकिन उन्होंने जो बयान दिया है, उसके अनुसार वे नशाखुरानी गिरोह के चंगुल में पड़ गये थे और उन लोगों ने उनके मोबाइल फोन, पैन कार्ड, एटीएम आदि को मारपीट कर छीन लिया था. इस मामले में यह स्पष्ट है कि जिस कार को बुक किया गया था, उसका चालक नशाखुरानी गिरोह से मिला हुआ था और उसने ही अपने साथियों की मदद से नशा खिलाने के बाद वीरेंद्र कर्ण के साथ मारपीट की और इसके बाद हाजीपुर में कार से फेंक कर फरार हो गये.