- म्युनिटी मीटिंग कर मजदूरों को किया गया जागरूक
- कोरोना वायरस से बचाव के बारे में भी दी जानकारी
गोपालगंज: वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच गर्भवती महिलाओं व शिशु के लिए नियमित टीकाकरण की सेवाएं फिर से शुरू कर दी गई है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखंड के यूनिसेफ बीएमसी मुकेश कुमार के द्वारा ईट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों को नियमित टीकाकरण के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही मजदूरों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। बीएमसी मुकेश कुमार ने बताया कि ईट भट्टे पर काम करने वाले मजदूरों के साथ कम्युनिटी मीटिंग कर अधिक से अधिक संख्या में टीकाकरण स्थल पर पहुंचकर टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया गया। यहां काम करने वाले मजदूरों को जानकारी के अभाव में टीकाकरण छूट जाता है। जिसको ध्यान में रखते हुए यह अभियान शुरू किया गया है। ताकि कोई भी बच्चा या गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से वंचित न रहे।
कोरोना वायरस से बचाव की दी गई जानकारी
ईट भट्टे पर आयोजित सामुदायिक बैठक में स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा मजदूरों व उपस्थित ग्रामीणों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी दी गई तथा जागरूक किया गया। लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तथा घर से बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग, नियमित हाथों की धुलाई, आसपास में साफ-सफाई रखने के लिए प्रेरित किया गया।
खिलखिलाते सुरक्षित बचपन के लिए टीका जरूरी
यूनिसेफ के जिला समन्वयक रूबी कुमारी ने बताया कि पांच साल में सात बार बच्चों को टीकाकरण जरूर करवाना चाहिए। टीकाकरण महत्वपूर्ण है इसे अपने-अपने बच्चे को जरूर लगवाएं। फैले भ्रांतियों को खासकर महिलाओं द्वारा दूर करने उद्देश्य से ही जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। टीकाकरण बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है। महिलाओं और बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण कराने हेतु मजदूरों को प्रेरित किया गया। टीका न लगवाने से बच्चे में होने वाली बीमारी और लगवाने से होने वाले फायदे के बारे में बताया गया। खिलखिलाते सुरक्षित बचपन के लिए और शिशु के स्वास्थ्य के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। कई जानलेवा बीमारियों के संक्रमण से शिशु को बचाने के लिए नियमित टीकाकरण के प्रति हर परिवार को जागरूक रहना चाहिए।
शिशु मृत्यु-दर में कमी संभव
सही समय पर सही टीका लगवाने से शिशु मृत्यु-दर को कम किया जा सकता है। वहीं बचपन में होने वाली विभिन्न बीमारियों की रोकथाम भी होगी।इसलिए टीकाकरण को लेकर जन जागरूकता व जनसमुदाय की भागीदारी बढ़ाने की मंशा से प्रेरित किया जा रहा है।