परवेज अख्तर/सिवान :- जिले में इनदिनों बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता दिनोदिन बढ़ती जा रही हैं। इधर कमजोर मानसून के चलते आकाश में बादल तो दिख रहे है, मगर ललचा कर बिना बारिश के इधर से उधर चले जा रहे हैं। बारिश होने की उम्मीद में किसानों ने धान के बिचड़े तो डाल दिए, लेकिन बारिश नहीं होने से डाले गए बिचड़े सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। कई किसान निजी पंपसेट के सहारे एक-दो दिन बाद नियमित सिंचाई कर रहे हैं। किसान रामाजी प्रसाद, बलराम सिंह, सत्यदेव सिंह, ठाकुरजी तिवारी ने बताया खरीफ सीजन में मक्का, अरहर, ढैंचा, मूंग की बुआई का समय आ गया है। खेतों में नमी नहीं होने से जुताई का कार्य बाधित है।
पिछले तीन सालों से भी कम हुई जून में बारिश
जिले में पिछले तीन सालों के वर्षापात के आंकड़ों के देखने पर सबसे कम जून महीने में इस साल बारिश हुई है। जून महीने में औसतन 124.8 एमएम बारिश होनी चाहिए। लेकिन मात्र 35.7 एमएम बारिश ही जिले में अबतक हुई है। इससे कृषि विभाग की भी चिंता बढ़ गई है। क्योंकि विभिन्न योजनाओं के तहत प्रखंडों में भेजे गए धान, मक्का, अरहर के बीज को किसान नहीं उठा रहे हैं। इससे योजना खटाई में पड़ गई है।
हसनपुरा प्रखंड के किसान भी परेशान
प्रखंड में अधिकतर किसान बारिश नहीं होने के चलते खेत की जुताई नहीं करा रहे है। जबकि कई किसान डाले गए धान के बिचड़ा को बचाने में परेशान है। यहां के चौदह पंचायत में सहुली, तेलकथू, मन्द्रापाली, हरपुरकोटवा, रजनपुरा, लहेजी, अरंडा, हसनपुरा, गायघाट, उसरी बुजुर्ग, पियाउर, विश्वम्भरपुर, पकड़ी तथा शेखपुरा पंचायत के किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। अगर समय से बारिश नहीं हुई, तो किसान आने वाले समय में खेती से भी मुंह मोड़ लेंगे।
क्या कहते है डीएओ
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी राजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार बारिश होने की उम्मीद है। लेकिन पिछले दो-दो बार के अनुमान जिले में फेल हो गए। जबतक बारिश नहीं होती है, तबतक किसानों के साथ विभाग की भी चिंता बढ़ी रहेगी। जून में औसत से भी कम बारिश हुई। बिचड़े की सिंचाई के लिए डीजल अनुदान का आवंटन होते ही वितरण शुरू कर दिया जा[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]