परवेज़ अख्तर/सिवान:
दीपावली को लेकर शुक्रवार को भारी संख्या में लोगों ने पटाखे के साथ मिठाई, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति के अलावा पूजा सामग्री खरीदारी की। दोपहर बाद से ही बाजारों में लोगों की भीड़ बढ़ गई थी। देर शाम तक बाजार में चहल-पहल रही। दीया, गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति, कपड़ा, पूजा सामग्री की दुकानों पर खरीदारी को ले लोगों की भीड़ देखी गई। बच्चों ने पटाखों की दुकान पर पहुंचकर अपनी पसंद के पटाखा की खरीदारी की। इस साल बाजार में हरित पटाखों की भी बिक्री हुई। पटाखा कारोबारी मोहम्मद कलीम ने बताया कि देर रात तक खरीदारी चल रही है। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण व्यवसाय प्रभावित हुआ है।
लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा व मिट्टी के दीये से सजा रहा बाजार
इस बार मिट्टी के दीये का बाजार अधिक सजा हुआ है। लोग इलेक्ट्रॉनिक झालर के साथ दीये की भी खरीदारी करते नजर आए। 50 रुपए से लेकर 500 हजार रुपए तक की लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा बिक रही है। त्योहार पर बिक्री के लिए विभिन्न शहरों से निर्मित प्रतिमा मंगाई है। लोग अपने समय से हिसाब से लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की खरीदारी करते दिखे। इधर दीपावली पर विभिन्न रंगों में सजावट के फूल, झालर की भी खरीदारी लोगों ने की। कपड़ों के तोरण और झूमर के साथ तरह-तरह की खुशबू बिखेरने वाली विभिन्न आकार की मोमबत्तियां को भी लोगों ने बाजार से खरीदा। इसके अलावा ग्रामीण इलाका महाराजगंज, दारौंदा, लकड़ी नबीगंज, बसंतपुर, मैरवा, भगवानपुर, बड़हरिया, पचरुखी, रघुनाथपुर समेत अन्य प्रखंडों के बाजारों में भी काफी देर रात चहल-पहल देखी गई।
मां लक्ष्मी व गणेश की पूजा की तैयारी पूरी
आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाकांत पांडेय ने बताया कि सनातन धर्म में भगवान गणेश के साथ लक्ष्मी की पूजा अहम मानी जाती है। कहा जाता है कि बिना धन से किसी को खुश नहीं किया जा सकता। धन की हर जगह जरूरत पड़ती है और यह धन माता लक्ष्मी से प्राप्त किया जा सकता है और इसके लिए कुबेर की पूजा भी अहम है। उन्होंने कहा कि घर में लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो बैठे हुए रखनी चाहिए इससे लक्ष्मी घर में स्थिर रहती हैं और धन, सुख एवं शांति प्रदान करती है। वहीं व्यापारी वर्ग में लक्ष्मी जी की फोटो या मूर्ति खड़ी रखनी चाहिए इससे बड़े पैमाने पर धन आता-जाता रहता है और व्यवसाय में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए जिससे सभी विघ्नों का नाश होता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
आचार्य ने बताया कि चतुर्दशी तिथि शनिवार की दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक ही रहेगा। इसके बाद अमावस्या लगने से दीपावली इसी दिन मनाई जाएगी। हालांकि अमावस्या रविवार की सुबह 10 बजे तक रहेगा। शनिवार की सुबह छह बजे से रात 8.30 बजे तक सर्वार्थ योग रहेगा। इस योग को प्रत्येक कार्य के लिए शुभकारी माना गया है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पूजा का मुहूर्त दोपहर 12:09 बजे से शाम 4:05 बजे तक होगा। लक्ष्मी पूजन शाम 5:05 बजे से रात 8.12 बजे तक करना फलदायी होगा।