परवेज अख्तर/सिवान: जल है तो कल है। जल ही जीवन है। ऐसे कई स्लोगन विद्यालयों के दीवारों पर लिखे गए दिखाई देते हैं। इसके बाद भी दारौंदा प्रखंड में दो ऐसे विद्यालय हैं जहां चापाकल नहीं हैं। प्रखंड के नया प्राथमिक विद्यालय भिखारीपुर जो विद्यालय अभी पूरी तरह किसी विवाद के चलते निमार्ण कार्य अधूरी रह गई है जबकि प्राथमिक विद्यालय जलालपुर कन्या में करीब डेढ़ वर्ष से चापाकल खराब होने के कारण यहां सरकार द्वारा संचालित पीएम पोषण योजना का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा हा है।
प्रखंड के 140 विद्यालयों में कुल 184 चापाकल है। इसमें 58 ऐसे चापाकल है, इसमें पाइप फटने या किसी अन्य कारण से जल आपूर्ति में समस्या आ जाती है जबकि 64 चापाकल खराब है। शेष चापाकल की स्थिति बेहतर है। कुछ विद्यालय में ग्रामीण नल-जल योजना से विद्यालय के बच्चे प्यास बुझाते हैं। इस संबंध बीईओ शिवजी महतो ने बताया कि सभी विद्यालय में पेयजल आपूर्ति संबंधित प्रतिवेदन मांगा गया है, जहां चापाकल नहीं है वैसे विद्यालयों में संबंधित विभाग द्वारा पेयजल आपूर्ति शुरू कराया जाएगा।