इंसाफ मिलने तक आंदोलन रहेगा जारी
परवेज अख्तर/सिवान: शहर के खुरमाबाद स्थित माले कार्यालय पर साहिल और सहबल की मौत मामले में जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा और माले पोलित ब्युरो सदस्य ने एक प्रेसवार्ता किया. उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान माले विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि कहा कि साहिल और शहबल से जुड़े तमाम साक्ष्य इस बात की पुष्टि करती है कि एक बड़ी साजिश के तहत दोनों की हत्या की गई है. जिस स्थिति में लाश बरामद हुई, मोटरसाइकिल पाया गया . इससे पीड़ित पक्ष को अवगत कराया जाना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने इसकी जरूरत महसूस नहीं की. पीड़िता की माँ द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अभियुक्तों को गिरफ्तार करके ऊपरी दबाव में छोड़ दिया गया. वहीं बिना जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के पुलिस अधीक्षक महोदय ने इसे दुर्घटना में हुई मौत बता दिए. इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है.
भाकपा माले के विधायक और पीड़ित परिवार के द्वारा जिलाधिकारी से उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कर न्याय दिलाने की मांग की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन का अमानवीय चेहरा तब उजागर हो जाता है जब वह पीड़ित पक्ष के शांतिपूर्ण प्रतिवाद मार्च पर झूठा मुकदमा दर्ज करती है .यहां तक कि मृतकों के पिता को भी अभियुक्त बना देती है. इस पूरे मामले में इंसाफ का गला घोंटा गया है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि मृतकों के परिजनों को इंसाफ मिले और दस दस लाख रुपये मुआवजा दी जाय. भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य और सीवान के प्रभारी धीरेंद्र झा ने कहा कि उच्चस्तरीय न्यायिक जांच इंसाफ का तकाजा है. इस आशय की मांग मुख्यमंत्री से करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस की भूमिका पूर्वागह से प्रेरित है और वह गहरे राजनीतिक दबाब में काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि इंसाफ मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा. तमाम झूठे मुकदमे वापस होने चाहिए।