उस समय नही हुई इतनी ताबही
परवेज अख्तर/गोपालगंज :-जिले के मांझा व बरौली प्रखंड के देवापुर व पुरैना गांव के समीप बांध टूटने की घटना के बाद इलाके के लोगों के बीच अनेकों प्रकार की चर्चाओं का बाजार गर्म है,लोग कह रहे ही कि सरकार व जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण ही बांध टूट जाता है।जब जब बांध टूटता है तब तब सरकार की कमजोरी के चलते। बीन टोली निवासी नथन महतो (80) वर्ष ने कहा कि गंडक नदी में इसके पहले भी बाढ़ आ चुका है,पर इतनी ताबही नही मची थी,उन्होंने बताया कि इससे पहले वर्ष 1999, 2002 में ऐसी तबाही मचाई थी। ऐसे में करीब दो दशक के बाद गंडक नदी का यह रूप देखने को मिल रहा है।
नथुनी महतो ने कहा कि गंडक नदी के तेज बहाव के आगे हर कोई अपना सामान लेकर ऊंचे स्थान पर जा रहा है। लोगों को बाहर निकलने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा नाव तक की व्यवस्था नहीं कराई गई है। वहीं बरौली प्रखंड के देवापुर पश्चिम टोला निवासी विजय सिंह (58) वर्ष ने कहा कि गंडक नदी का रौंद रूप देखकर महिलाएं भी सहम गई हैं। गंडक नदी के तेज बहाव को देखते हुए गांव के लोग अपने अपने सामान को घर की छत पर रख रहे है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2002 में ऐसी तबाही देखने को मिली थी। उसके बाद इस मानसून में ऐसी तबाही देखने को मिल रही है।