परवेज अख्तर/सिवान:- सिवान परिसदन में मंगलवार को बिहार राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने कोरोना संक्रमण काल में जिले में खाद्यान्न वितरण समेत अन्य कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि इस दौरान रोस्टर लागू किया गया है अथवा नहीं इसकी भी जांच की गई। जांच में निर्धारित रोस्टर के अनुसार डीलरों का वर्गकरण सही पाया गया। बताया कि जिले में 199 अनुसूचित जाति, 13 अनुसूचित जनजाति, 141 महिला, 378 पिछड़ा वर्ग, 143 अति पिछड़ा वर्ग, सात स्वयं सहायता समूह के, 106 पैक्स, 10 विकलांग व 270 सामान्य वर्ग को लाइसेंस निर्गत किया गया है। अध्यक्ष ने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी करने वाले छह पीडीएस दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। साथ ही नौ जनवितरण प्रणाली की दुकानों को निलंबित किया गया है।
कहा कि खाद्यान्न वितरण संबंधित किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित के विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। बताया कि पूरे जिले में राज्य खाद्य निगम की 14 गोदाम हैं। इस संबंध में जिला पदाधिकारी व अन्य वरीय पदाधिकारियों से संपर्क कर सभी 19 प्रखंडों में एक गोदाम को सुनिश्चित कराया जाएगा। साथ ही जिले में स्थित सभी 14 गोदाम का संचालन नौ एजीएम द्वारा हो रहा है, उनकी भी संख्या को परिपूर्ण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खाद्यान्न वितरण में जिले को राज्यस्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। जबकि लॉकडाउन के दौरान नए कार्ड बनाने में सदर प्रखंड का राज्य में पहला स्थान मिला है।
लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न संकट को दूर करने के बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। बताया कि नवंबर तक सभी कार्डधारकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही लाभुकों को दाल की जगह चना का वितरण किया जा रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में कुल 1580 जनवितरण प्रणाली की दुकानें संचालित हो रही हैं। वहीं चार लाख 81 हजार 602 राशनकार्डधारी हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने को घोषित लॉकडाउन के दौरान 78 हजार 653 नए राशनकार्ड बनाए गए हैं। मौके पर एसडीओ रामबाबू बैठा, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विपिन कुमार राय, जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रमोद कुमार, मंसूर आलम, नंदलाल राम, जहांगीर खान, लालबाबू प्रसाद, अशोक ठाकुर, विजय कुमार वर्मा, सोना खान समेत अन्य लोग मौजूद थे।