पटना: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने शनिवार को मंदिर-मस्जिद मामले के बहाने देश में सरकारी स्कूलों के बंद होने पर केंद्र सरकार को घेरा. मुकेश सहनी ने कहा कि आज देश में मंदिर-मस्जिद की चर्चा खूब हो रही है, लेकिन शिक्षा की बात कोई नहीं कर रहा. मंदिर-मस्जिद के विवादों को हवा देने वाली सरकार के दौर में स्कूलों को बंद किया जा रहा है. देश में साल 2018 से 2020 के दौरान हजारों सरकारी स्कूल बंद हो गए.
सहनी ने कहा कि निजीकरण को बढ़ावा दे रही वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान जहां इन वर्षों में सरकारी स्कूल की संख्या में कमी देखी गई वहीं प्राइवेट स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग की एक इकाई “यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इनफार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस” द्वारा तैयार किए गए एक आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2018-19 में देशभर के सरकारी स्कूलों की संख्या 1,083,678 जो 2019-20 में घटकर 1,032,570 हो गई है. इस हिसाब से एकत्र किए गए स्कूलों के रिकॉर्ड और रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में 51,108 सरकारी स्कूल कम हुए हैं.
यह सभी आंकड़े कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति से पहले के हैं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 26,074 सरकारी स्कूल कम हुए हैं, वहीं मध्य प्रदेश में 22,904 स्कूलों की कमी आई है. पूर्व मंत्री ने बताया कि 2020-21 के लिए जारी की गई रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों की संख्या में फिर गिरावट देखी गई. इस बार करीब 521 सरकारी स्कूल फिर कम हुए हैं. कहा कि जब सरकारी स्कूल ही नहीं होंगे तो गरीब के बच्चे पढ़ेंगे कहां? उन्होंने कहा कि आज सियासत में कुर्सी सबके लिए प्यारी हो गई है. यही कारण है कि बेकार की बातों को हवा दी जा रही है, जिससे न देश का भला होना है न जनता का होना है.