परवेज अख्तर/सिवान : अपर जिला न्यायाधीश द्वितीय अवधेश कुमार दुबे की अदालत ने पुरानी रंजिश को लेकर हत्याकांड से जुड़े मामले में तीन नामजद अभियुक्तों को कांड का दोषी पाया है। अदालत ने दोनों पक्षों द्वारा बहस समाप्त किए जाने के पश्चात नामजद अभियुक्त हरेराम गिरि, गायत्री देवी एवं सरिता देवी को कांड का दोषी पाते हुए कस्टडी में लेने का आदेश पारित कर जेल भेज दिया। मामले में सजा के बिंदु पर पांच सितंबर को सुनवाई होगी और उसी दिन अदालत सजा निर्धारित करेगी। अभियोजन की ओर से बहस करने वाले अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार पाठक से मिली जानकारी के मुताबिक अदालत ने हत्याकांड के नामजद अभियुक्त हरेराम गिरि, गायत्री देवी एवं सरिता देवी को भादवि की धारा 302/34 के अंतर्गत दोषी करार दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दारौंदा थाना के सतजोड़ा मठिया निवासी राज नारायण गिरि एवं उसके पड़ोसी हरेराम गिरि के बीच पुरानी रंजिश थी। इसी रंजिश को लेकर हरेराम गिरि ने राज नारायण गिरि को विश्वास में लेकर 11 सितंबर 2015 की संध्या साढ़े चार बजे चाय पीने के बहाने अपने दरवाजे पर लेकर गया। चाय पीने के क्रम में रामायण गिरि के परिवार की दो महिलाएं गायत्री देवी एवं सरिता देवी ने राज नारायण गिरि को पकड़ लिया तथा हरेराम गिरि ने गड़ासा से गर्दन पर वार कर राज नारायण गिरि की हत्या कर दी। राजनारायण की पुत्रवधू उमा देवी के बयान पर दारौंदा थाना में उपरोक्त व्यक्तियों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ईष्टदेव तिवारी ने बहस किया।
हत्या मामले में तीन अभियुक्त दोषी करार
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