✍️परवेज़ अख्तर/एडिटर इन चीफ:
हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार का विशेष महत्व है। भाई बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार 12 अगस्त यानी शुक्रवार को जिला मुख्यालय समेत ग्रामीणों क्षेत्रों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।इस दौरान बहनें भाइयों को राखी बांध कर उनसे रक्षा करने का वचन लेंगी। आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि रक्षाबंधन का पावन त्योहार हर साल श्रावण मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन के लिए शुभ मुहूर्त की बात करें तो रक्षाबंधन के दिन राखी बांधते समय भद्रा काल का विशेष ध्यान रखा जाता है। माना जाता है कि भद्रा काल का समय राखी बांधने के लिए अशुभ होता है, इसलिए बहनें भाई को भद्रा काल में राखी नहीं बांधती हैं। यह मुहूर्त अशुभ माना जाता है। ऐसे में शुक्रवार को यह पर्व मनाना शुभकारी है।
सुबह 7.18 बजे तक राखी बांधने का है शुभ मुहूर्त
आचार्य ने बताया पूर्णिमा तिथि गुरुवार को प्रात: काल 9:34 बजे से शुक्रवार को प्रात: काल 7:18 तक रहेगी। गुरुवार को 9:35 बजे भद्रा लग गया, जो रात 8:30 बजे तक रहेगा, इसलिए रात 8:30 बजे के बाद राखी बांधने का योग लग रहा है। शुक्रवार को प्रात: 07:17 बजे तक पूर्णिमा है। अत: राखी बांधने का सबसे शुभ समय 12 अगस्त को सूर्योदय के बाद प्रात: काल 7:17 तक है। ऐसे में प्रात: काल 7:18 बजे तक राखी बांधने का सबसे उपयुक्त समय है।
राखी खरीदने को दुकानों पर उमड़ी रही भीड़
रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर बुधवार को बाजाराें में महिलाओं की भीड़ अधिक रही। राखी की दुकान से लेकर मिठाई और कपड़े की दुकानों पर लाेग खरीदारी करने पहुंचे थे। दुकानों पर कई तरह की राखी एवं अन्य सामान की वैराइटी उपलब्ध थीं। राखी, कपड़ा, मिठाई व सौंदर्य प्रसाधन वाली दुकानों पर महिलाओं की भीड़ अधिक रही।