परवेज अख्तर/सिवान : मंगलवार को मां के आठवें स्वरुप की पूजा की गई। इस दौरान घरों में श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक मां की आराधना की। जगत का पालन करने वाली मां अन्नपूर्णा की पूजा की गई। मां अन्नपूर्णा की पूजा दैहिक, दैविक, और भौतिक सुख प्रदान करता है। मान्यता है कि जगत शिव और शक्ति का स्वरूप है, जहां शिव विश्वेश्वर है और उनकी शक्ति मां पार्वती हैं। सृष्टि की रचनाकाल में मां पार्वती को माया कहा जाता है, वहीं पालन काल में मां अन्नपूर्णा के नाम से जानी जाती है। जबकि संहारकाल में कालरात्रि बन जाती हैं। देर रात मां कालरात्रि की पूजा की गई। घरों में माता के मंगल गीत सुनाई दे रहे थे। श्रद्धालुओं ने अपने घरों में कलश स्थापित कर नये अनाज से पुआ पकवान बनाकर मंदिरों व घरों में मां की पूजा की। इस दौरान देवी गीतों से समूचा क्षेत्र गुंजायमान हाे रहा था। पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि गुरुवार को चैत्र नवरात्र समाप्त हो जाएगी। इस दिन घरों में कन्या पूजन किया जाएगा। कन्याओं को हलवा, पूरी और चने का भोग लगाया जाएगा। साथ हीं साथ उनको तोहफे देकर लाल चुनरी ओढ़ाने की मान्यता है। बताया कि नवरात्र के नौवे दिन समापन के अवसर पर देवी की विदाई की जाती है। इस दिन माता की विधिवत पूजा की जाती है। इस वक्त लॉकडाउन की स्थिति में घर पर उपलब्ध साधनों से देवी की पूजा कर सकते हैं। माता को इस दिन नौ दिनों तक पूजा करने के बाद अपनी बेटी की तरह विदा किया जाता है। माता को विदाई देते हुए उनको कुमकुम, अक्षत, मेहदी, हल्दी, अबीर, गुलाल, सुगंधित फूल आदि चढ़ाए जाते हैं। माता को हलवा, पंचमेवा, पंचामृत, लाल फल आदि का भोग लगाया जाता है और माता को लाल चुनरी समर्पित की जाती है। माता के कलश के जल को घर में छिड़क दें और बाकी पूजा सामग्री को अभी अपने निवास पर रखें और लॉकडाउन खत्म होने के बाद इसको कहीं बहते हुए जल में विसर्जित कर दें।
कल होगी देवी के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा
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