परवेज अख्तर/सिवान :- कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच शुक्रवार को हरितालिका तीज मनाई जाएगी। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शंकर एवं माता पार्वती की आराधना करेंगी साथ ही पूजा अर्चना कर पति की लंबी आयु की कामना करेंगी। साथ ही हरितालिका व्रत की कथा सुनेंगी। तीज पर्व को लेकर अभी से ही महिलाएं तैयारी में जुट गई हैं। पर्व को लेकर बाजार भी पूरी तरह से सज गए हैं। शहर के शहीद सराय, थाना रोड, तेलहट्टा बाजार समेत अन्य जगहों पर तीज को लेकर दुकानें सजी हैं। इसके साथ ही चूड़ियों की दुकानों के साथ सौंदर्य प्रसाधनों की दुकानों पर भी महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है।
बुधवार को बाजार में खरीदारी को लेकर काफी संख्या में महिलाएं पहुंची थी। महिलाएं डलिया, साड़ी, पूजन सामग्री समेत श्रृंगार की खरीदारी कर रही थी। तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। इस दिन महिलाएं नए परिधान पहनती हैं, मेंहदी लगाती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को सभी व्रतों में सबसे बड़ा व्रत माना जाता है। माता पार्वती ने भगवान शंकर के लिए किया था व्रत :आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि यह व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है।
सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शंकर के लिए रखा था। इस दिन विशेष रुप से गौरी-शंकर की आराधना की जाती है। व्रत करने वाली सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान-ध्यान कर श्रृंगार करती है। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके बाद मां पार्वती को सुहाग का सारा सामान अर्पित किया जाता है। पूजन के बाद शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनने के बाद आरती की जाती है। सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत करती है। इस व्रत में महिलाएं माता गौरी से सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मांगती है।