परवेज अख्तर/सिवान: जकात निकालने से आपके माल में बरकत होती है. अल्लाह ने आपको जो धन दिया है उसमें गरीबों का भी हिस्सा है. साढ़े सात तोला सोना या फिर बावन तोला चांदी या इसके मूल्य के बराबर धन आपके पास दैनिक आवश्यकताओं से अधिक है तो जकात आप पर फर्ज हो जाता है. उक्त बाते हाफिज नुरुलहोदा ने कही. उन्होंने ने कहा कि जिन लोगों को अल्लाह ने धन दिया है तो उसके साथ कुछ आदेश भी आया है. इसी आदेश के तहत कहा गया है कि प्रति वर्ष आप अपने धन में से ढाई प्रतिशत की राशि निकाल कर गरीबों के बीच वितरित कर दें. इससे आपके धन में बरकत होगा.
आपका धन साफ होगा और उस ढाई प्रतिशत की राशि से गरीबों के जीवन में एक नई रोशनी आएगी, जो अब तक अंधेरे में जीने को विवश थे. जकात निकालने के लिए किसी खास महीने या दिन की चर्चा नहीं की गई है. लेकिन लोग रमजान के मुबारक महीने में ही अपने धन का जकात भी निकालते हैं. कारण है कि सामान्य दिनों में जहां एक अकछे काम का एक सवाब मिलता है, वहीं रमजान के बरकत वाले महीने में उसी एक अच्छे काम के लिए सत्तर गुना अधिक सवाब मिलता है. आज हमारा देश ही नहीं पूरी दुनिया महामारी के चपेट में है. हम जहां हैं वहीं भीड़ भार से अलग रहते हुए अपने अपने घर से ही इबादत करें और रमजान के अजमत वाले महीने में अल्लाह से दुआ करें कि इस वबा से लोगों को निजात मिले.