पटना: आर्केस्ट्रा की आड़ में बिक्रमगंज के धनगाई में नाबालिग लड़कियों से देह व्यापार कराने का मामला प्रकाश में आया है। इन लड़कियों को एक कमरे में बंद करके रखा गया था। इनमें एक नाबालिग लड़की भागकर एक संस्था की मदद से पटना पहुंच गई। पटना पहुंचते ही 14 वर्षीय किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। किशोरी के बयान पर बाल कल्याण समिति ने एसएसपी पटना को पत्र लिखकर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कमजोर वर्ग के एडीजी अनिल यादव ने त्वरित रेस्क्यू टीम गठित कर रोहतास भेजा। पुलिस जब तक घटना स्थल पर पहुंचती, किशोरी की छोटी बहन 12 साल की किशोरी की हत्या कर दी गई थी। वहां से पुलिस ने नौ लड़कियों को बरामद किया। इनमें छह नाबालिग हैं। छुड़ाई गई लड़कियां मुजफ्फरपुर, रोहतास और रक्सौल की हैं। इन्हें आश्रय गृह में रखा गया है।
छापेमारी करने पहुंची पुलिस को देखते ही सब भागने लगे। पुलिस ने महिला दलाल रेखा देवी के साथ शंकर नट, गोपाल नट, विकास और सोनू को गिरफ्तार किया। पुलिस ने विक्रमगंज थाने में पॉक्सो, हत्या, मानव तस्करी के साथ अपहरण की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करायी है।
कमजोर वर्ग की एसपी बीना कुमारी ने बताया कि 19 जुलाई को बाल कल्याण समिति से सूचना मिली थी कि रेखा देवी नाम की महिला आर्केस्ट्रा की आड़ में नाबालिग लड़कियों से देह व्यापार कराती है। सूचना के आधार पर 19 जुलाई को रातभर छापेमारी अभियान चलाया गया। रेस्क्यू टीम गठित कर लड़कियों को मुक्त कराया गया है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
आरोपित महिला बिक्रमगंज स्थित घर पर दस से अधिक बाउंसर रखती थी। पुलिस ने घटना स्थल से 01 लाख 71 हजार रुपये बरामद किये हैं। यही नहीं, गर्भ निरोधक के साथ गर्भपात कराने वाली कई तरह की दवाएं भी बरामद की हैं। रेस्क्यू की गई किशोरी ने बताया कि रेखा देवी देह व्यापार से मना करने पर बुरी तरह मारपीट करती थी।
सफेदपोश से भी जुड़े हैं तार
लड़कियों को बहला-फुसलाकर देह व्यापार में धकेलने का बहुत बड़ा गिरोह काम कर रहा है। छुड़ाई गई सरगना को लड़कियां बुआ के नाम से बुलाती थी। उसके संबंध कई सफेदपोश से भी हैं। कई सफेदपोश लोगों के पास भी लड़कियों की सप्लाई की जाती थी।
बिहार, नेपाल से लेकर मुम्बई तक फैला है गिरोह
रेखा देवी का गिरोह बिहार के मुजफ्फरपुर, रक्सौल से लेकर नेपाल और मुम्बई तक फैला है। लड़कियों को अच्छी कंपनी में नौकरी और पढ़ाई का झांसा देकर आर्केस्ट्रा में शामिल करती थी। लड़कियों को पहले वह मुम्बई स्थित अपने घर में रखती थी। वहां से लड़कियों को मुम्बई के डांस बार में सप्लाई करती थी।