परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
अंततः अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन कोरोना से जंग जीत गया। लेकिन उसके निधन की अफवाह लगातार सोशल मीडिया पर उड़ती रही। लगातार सोशल मीडिया पर यह खबर उड़ने के बाद लोगों में यह चर्चा थी कि जेल प्रशासन ने शायद इसे भी एक सोची समझी साजिश के तहत मार डाला है। लोग जितनी मुंह उतनी बातें करने से परहेज नहीं कर रहे थे।हकीकत तो तब सामने आया कि जब संक्रमित राजन पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर तिहाड़ की चारदीवारी में कैद हो गया। उल्लेखनीय हो की सिवान के विकास पुरुष कहे जाने वाले दिवंगत सांसद डॉ. मो. शहाबुद्दीन के निधन के बाद से आज तक तिहाड़ जेल प्रशासन के खिलाफ कई तरह की चर्चाएं हो रही है।
बताते चलें कि मंगलवार को राजन को एम्स से डिस्चार्ज हो कर वापस तिहाड़ जेल भेज दिया गया। छोटा राजन को तिहाड़ के जेल नंबर 2 में कड़े सुरक्षा घेरे में रखा गया है। कोरोना से संक्रमित होने पर राजन को 22 अप्रैल से जेल के अस्पताल में इलाज चल रहा था। जेल के अंदर हालत काफी बिगड़ने पर उसे 25 अप्रैल को एम्स शिफ्ट किया गया था। इलाज के दौरान 7 मई को छोटा राजन की निधन की अफवाह उड़ी थी। इसके बाद उसी दिन एम्स द्वारा उड़ी अफवाह का खंडन करते हुए कहा था कि वह न तो सिर्फ जिंदा है, बल्कि रिकवर भी कर रहा है। इस तरह निधन की अफवाह उड़ने के 4 दिन बाद राजन कोरोना से जंग जीतकर वापस तिहाड़ में कैद हो गया।