परवेज अख्तर /सीवान:
दीपावली व गोवर्धन पूजा के बाद लोग छठ पूजा की तैयारी में जुट गए हैं। जगह-जगह छठ पूजा को लेकर छठ घाटों की सफाई का काम शुरू हो गया है। कोरोना काल में कार्तिक मास की छठ पूजा पहली बार हो रही है। जिसमें घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए चुनौती होगी। लेकिन पूजा करने वाले व्रतियों के लिए सरयू नदी के तट काफी खतरनाक हैं। सरयू नदी के तट पर अवस्थित अमूमन सभी घाट खतरनाक हैं। प्रखंड के भागर, गंगपुर सिसवन, माधोपुर, ग्यासपुर, ग्यासपुर मठिया, नवका टोला, साईपुर आदि गांव के लगभग दो दर्जन घाटों पर सरयू नदी तट पर छठ पूजा का आयोजन होता है। जिसमें उगते और डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है।
गंगपुर सिसवन के सरयू नदी के शिवाला घाट के अलावा पाण्डेय घाट, मल्लाह घाट काफी खतरनाक हैं। नदी के कटाव के कारण यहां के घाट काफी खतरनाक हो चुके हैं। घाटों पर छठ पूजा कैसे होगी, इसको लेकर लोग चिंतित हैं। हालांकि स्थानीय स्तर पर घाटों को ठीक कर छठ पूजा करने लायक बनाने की बात स्थानीय लोग कह रहे हैं। लेकिन अभी प्रशासनिक रूप से कोई भी पहल शुरू नहीं की गई है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर सीओ इन्द्रवंश राय ने कहा कि इस साल भी छठ घाटों पर व्यवस्था की जाएगी। जेसीबी मशीन लगाकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से घाटों को किनारे तक जाने के लिए सुगम बनाया जाएगा। नदी के पानी में बारकेटिंग करायी जाएगी।