- अब निजी अस्पतालों नहीं होगा टीकाकरण
- सदर अस्पताल में शिफ्ट किया गया अमृत अस्पताल का टीकाकरण सत्र
- पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है कोरोना का वैक्सीन
- सप्ताह में दो दिन शनिवार मंगलवार को होगा टीकाकरण
छपरा: कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन आने के बाद से ही स्थाई निजात की उम्मीद के साथ लोगों में खुशी का माहौल है । पहले चरण के तहत स्वास्थ्य कर्मियों का वैक्सीनेशन पूरे जोर-शोर के साथ किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के बाद अबतक कहीं से भी साइड इफेक्ट की खबरें सामने नहीं आई है। जो वैक्सीन के पूरी तरह सुरक्षित होने का जीता-जागता सबूत है। इसलिए वैक्सीन लेने से किसी प्रकार का परहेज नहीं करें। क्योंकि, स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वैक्सीन ही कोविड-19 से स्थाई निजात का एकमात्र उपाय और सबसे बेहतर व आसान रास्ता भी है। शनिवार को भी जिले के 12 सत्र स्थलों पर कोविड-19 का टीकाकरण किया गया। तीन नए सत्र स्थल नगरा, मांझी और सदर ब्लॉक में शुरुआत की गई। बाकी अन्य जगह अगले सप्ताह शुरुआत होगी। टीकाकरण के लिए सत्र स्थल का निर्धारण निर्वाचन बूथ के अनुसार ही किया गया है। अब निजी अस्पताल में टीकाकरण नहीं किया जायेगा। अब उसे सदर अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं पर निजी स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जायेगा। सत्र स्थल पर 3 कक्ष उपलब्ध हैं , पहला कक्ष लाभार्थियों को टीका लेने के लिए वेटिंग एरिया, दूसरा कक्ष टीकाकरण के लिए एवं तीसरा कक्ष टीकाकरण के पश्चात 30 मिनट तक लाभार्थी की निगरानी के लिए, ऑब्जर्वेशन रूम में पर्याप्त संख्या में बेड एवं कुर्सी की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गयी है।
प्रत्येक सत्र पर 100 कर्मियों को वैक्सीनेशन का लक्ष्य
जिले के प्रत्येक सत्रों पर कोविन पोर्टल पंजीकृत स्वास्थ्य कर्मियों की सूची में से सौ-सौ कर्मियों की सूची तैयार की गयी थी। प्रत्येक सत्र पर 100 लोगों को टीकाकरण करने का लक्षय निर्धारित किया गया है। सभी टीकाकरण सत्र स्थलों पर प्रचार- प्रसार के लिए बैनर- पोस्टर का प्रदर्शन एवं साज-सज्जा सामग्रियों का समुचित प्रबंध किया गया है। टीकाकरण केंद्र पर समुचित मात्रा में हैंड सैनिटाइजर , मास्क आदि की व्यवस्था रखी गयी है। ताकि लाभार्थियों एवं कर्मियों के द्वारा हैंड सैनिटाइजर का उपयोग किया जा सके। साथ ही कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए साफ- सफाई का पूर्ण रूप ध्यान देते हुए पूर्व में निर्गत प्रोटोकॉल का अनिवार्य रूप से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
पोर्टल पर रजिस्टर्ड लाभार्थियों को ही दिया जाएगा वैक्सीन
कोविड-19 का टीकाकरण पूर्णता कोविन पोर्टल पर आधारित है। जिले में पोर्टल पर तकनीकी समस्याओं के कारण समय अनुसार सत्रों का निर्धारण नहीं हो पा रहा है। जिससे लाभार्थियों को टीकाकरण कराने के लिए ससमय सूचना प्रदान नहीं हो पा रही है। अतः आवश्यक है कि कोविन पोर्टल पर सत्रों का निर्धारण कम से कम 2 दिन पूर्व ही कर लिया जाए तथा लाभार्थियों को कोविड-19 टीकाकरण कराने के लिए कम से कम 1 दिन पहले सूचित किया जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी सत्र का आयोजन ऑफलाइन नहीं किया जाएगा।
दोनों डोज लेने के 2 सप्ताह बाद कोरोना के प्रति एंटीबॉडी का निर्माण
सीएस डॉ. मावेश्वर झा ने बताया कि वैक्सीन की प्रभावशीलता और कोरोना के प्रति एंटीबाडी विकसित होने के लिए वैक्सीन के दो डोज लेना अति आवश्यक है। वैक्सीन का प्रथम डोज लेने के 4 हफ्ते या 28 दिन बाद ही इसका दूसरा डोज दिया जाएगा। आमतौर पर कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने के 2 सप्ताह बाद कोरोना के प्रति एंटीबॉडी का निर्माण शुरू हो जाता है।
कोरोना से ठीक हुए लोगों को भी टीका लेने के लिए आगे आना चाहिए
कोविड-19 का टीका लेने के बाद सदर अस्पताल वार्ड अटेंडेँट अभिषेक पाठक ने कहा कि मैं खुद कोरोना से संक्रमित हुआ था। ऐसा बिल्कुल भी नहीं सोचना चाहिए कि हम कोरोना से ठीक हो गए हैं तो दोबारा नहीं होगा। कोरोना से ठीक हुए लोगों को भी टीका लेने के लिए आगे आना चाहिए। जो अभी पीड़ित है कोरोना से वे 14 दिन की अवधि पूरी होने के बाद ही टीका लें। कोरोना का टीका सभी को लेना जरूरी है। सभी लोग टीका लेंगे, तभी कोरोना की चेन टूटेगी।
वैक्सीन लेने के बाद पूरी तरह स्वस्थ हूँ, वैक्सीन भी पूरी तरह सुरक्षित है
सदर अस्पताल के साइकोलॉजिस्ट निधी कुमारी ने कहा कि मैंने पूरे उत्साह के साथ वैक्सीन ली और पूरी तरह स्वस्थ हूँ। किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं हुआ। इसलिए, वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। मैं हर व्यक्ति से अपील करती हूँ कि सभी लोग समय आने पर उत्साह के साथ निर्भीक होकर वैक्सीन लें एवं अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
खुद के साथ परिवार व समाज की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है वैक्सीन
कोविड-19 टीका लेने के बाद सदर अस्पताल के वार्ड अटेंडेंट मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि खुद के साथ परिवार व समाज की सुरक्षा के लिए भी वैक्सीन जरूरी है। क्योंकि हमलोग अस्पताल में ही रहकर काम करते हैं। इसलिए मैं ही सुरक्षित नहीं रहूँगा तो मेरा परिवार व समाज कैसे सुरक्षित रहेगा ? जब आमलोगों के वैक्सीन लेने की बारी आएगी तो उन्हें मैं कैसे वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित करूँगा। इसलिए मैंने पूरे उत्साह के साथ वैक्सीन लिया है।