पटना: बगहा में एक सनकी साधु ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। इसकी वजह से लोग रतजगा करने को विवश हैं। साधु ने पुलिस की नींद भी हराम कर दी है। कोई इसे सिरफिरा आशिक के नाम से जानता है तो कोई नरभक्षी साधु और सनकी साधु के नाम से जानता है। गांव में इसका खौफ इतना है कि इसके नाम से ही लोगों के रौंगते खड़े हो जाते हैं। इस दरिंदे की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दिन रात जुटी हुई है लेकिन अबतक यह हाथ नहीं लग पाया है। इस बहशी का नाम मोती लाल साधु है जिसके आतंक से ग्रामीण और पुलिस दोनों परेशान हैं।
इस सनकी साधु ने 23 सितंबर को चौतरवा थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव में घास काट रही एक महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश की थी। लेकिन तभी महिला की दो नाबालिग बच्चियों ने शोर मचा दिया। जिसमें असफल होने पर उसने दोनों बच्चियों के सामने धारधार हथियार से महिला का सर काट धड़ से अलग कर दिया। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद वह मौके से फरार हो गया। तब से उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है लेकिन वह अब तक हाथ नहीं लग पाया है।
बहशी दरिंदे साधु ने गांव में 9 लोगों को मारने की धमकी दी है जिससे पूरे गांव में दहशत का माहौल है। साधु दिन भर गन्ने की खेत मे छिपा रहता है। शाम होते ही गांव में दाखिल होता है। उसके हाथों में फरसा गड़ासा और एक पिस्टल भी रहता है। जिसने पूरे गांव दहशत फैला रखा है। लक्ष्मीपुर गांव के लोग पूरी रात लाठी डंडे के साथ गांव की सुरक्षा में लगे रहते है। साधु खेत से ही चिल्ला चिल्ला कर 9 लोगों की हत्या की धमकी देता है। जिससे ग्रामीण डरे सहमे हैं। ग्रामीणों ने खेतों में जाना भी बंद कर दिया है। वहीं महिलाएं और बच्चियां शाम होते ही घर से निकलना बंद कर देती हैं। पूरे गांव में दिन रात साधु की ही चर्चा होती है। आस-पास के गांव के लोगों को भी साधु का डर सता रहा है वे उसकी शीघ्र गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
मोतीलाल साधु का आतंक आज से नहीं बल्कि 1992 से है। चर्चित व्याधा हत्याकांड का भी वह मुख्य आरोपी था। जिसमें सजा काट चुका है। हालांकि इस केस में गवाह नहीं मिलने के कारण केस से बरी हो गया था। लेकिन कुछ वर्षों तक जेल के सलाखों के पीछे रहा था। बताया जाता है कि साधु का एक तरफा प्यार ने उसे बहशी और हत्यारा बना दिया। मोतीलाल साधु नाम का यह शख्स चौतरवा थाना क्षेत्र के गांव लक्ष्मीपुर निवासी बेचू यादव की 40 वर्षीय पत्नी तारा देवी से एकतरफा प्यार करता था। तारा के पति हत्या के पहले कई बार मोती लाल को चेतावनी दे चुके थे। लेकिन मोतीलाल नहीं माना। जिससे नाराज होकर मोतीलाल ने महिला का गला काटकर विगत 23 सितंबर को उसकी हत्या कर दी।