परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिले के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के कजरासन गांव में इन दिनों ग्रामीण एक पागल बंदर से परेशान हैं या यूं कहें कि भय के साये में जीने को विवश है. बंदर के आने की आहट मिलते ही घरों के दरवाजे बंद करने पड़ रहे है. ग्रामीणों की माने तो लगभग एक माह से ऊपर हो गया है. बंदर कजरासन गांव के आसपास के बगीचों खेत खलिहान में छुप के रह रहा है. दिन के वक्त लोगों को अपने घरों के छत पर भी बैठना मुश्किल हो गया है. खेती बारी में या घर के दरवाजे पर बैठकर कोई काम भी करना मुश्किल हो गया है.विगत दिनों से इस बंदर ने इस कदर आतंक मचा रखा है कि अब तक इसके चपेट में दर्जनों से ऊपर महिला पुरुष आ चुके हैं. घर की छत के ऊपर बैठी महिलाओं को देखते ही झपट पड़ता है तथा उन्हें धक्का दे गिरा देता है. वही कई लोगों के हाथ पैर को भी काट खाता है.
जिसके चलते लोग अपने छोटे बच्चों को भी उसके आने की आहट से दिन में भी घर के दरवाजे के अंदर ही बंद करना मुनासिब समझ रहे हैं. गांव में इस कदर भय व्याप्त है कि,जैसे ही सूचना मिलती है की अमुक दिशा में आ गया है.गांव के लोग लाठी भल्ला लेकर उसे खदेड़ने की जुगत में जुट जाते हैं.ग्रामीणों द्वारा उसे जाल में फंसाने की कोशिश भी की जाती है ।पर लोगों की भीड़ अपने सामने आते देख मौके से फरार हो जा रहा है.
सूचना के मुताबिक मजिलसा गांव के टूलन कुर्मी के पत्नी को छत से धक्का दे गिरा दिया था. जिससे उनको कई दिनों तक बिस्तर पर रहना पड़ा. ऐसे ही कजरासन गांव की जया देवी को हमले में बुरी तरह घायल कर दिया। जिनका इलाज जारी है. मजिलसा के वीरेंद्र सिंह के घर की एक महिला भी इस बंदर के हमले में घायल हो गई थी बंदर के हमले की खबर सुन आसपास के सीमावर्ती गांव के लोग भी रात हो या दिन हर समय भय के माहौल में जीने को विवश है.ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से तत्काल इस बंदर को काबू करने की मांग की है.