परवेज अख्तर/सिवान : आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सरकारी अस्पताल लाइफ लाइन है। यहां मरीज यह सोच कर अपना इलाज कराने पहुंचता है कि उसे मुफ्त में इलाज और चिकित्सकों की सलाह मिल जाएगी, लेकिन सदर अस्पताल की कुव्यवस्था को देख अब यहां आने वाले मरीज अस्पताल में पैर रखने से पहले अपनी जेब में हाथ जरूर डालते हैं। रविवार को भी इसी तरह की एक कुव्यवस्था को नजारा आम रहा। जहां दर्द से कराह रहे मरीज का इलाज करने के पूर्व वार्ड बॉय ने मरीज के परिजनों से स्लाइन चढ़ाने के लिए तीन सौ रुपये की मांग की और उसे ले भी लिया। रुपये लेने के बाद वार्ड बॉय वहां से चंपत हो गया। थोड़ी देर बाद जब मरीज को दर्द हुई और वार्ड बॉय वहां नहीं पहुंचा तो इस मामले को लेकर मरीज के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। हो हल्ला सुनकर अस्पताल में तैनात चिकित्सक और अन्य कर्मी वहां पहुंचे तो बात सामने आई। इसके बाद ड्यूटी में तैनात डॉ. अहमद अली ने मामले में कागजी कार्रवाई कर वरीय अधिकारी को इसकी सूचना दे दी और वहां दूसरे वार्ड बॉय की तैनाती कराई।
बता दें कि रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के टारी बाजार निवासी रमाशंकर प्रसाद के पुत्र प्रदीप कुमार (20) को अधिक गांजा पीने से पूरे शरीर में दर्द एवं बेहोशी की हालत में उसके परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल में लेकर आए। प्रदीप दर्द से काफी तड़प रहा था। इसी बीच ड्यूटी पर तैनात वार्ड बॉय मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पड़रिया निवासी हरेंद्र पांडेय ने उसके परिजनों को अपने झांसे में लेकर चिकित्सक द्वारा लिखी दवा एवं पानी चढ़ाने की बात कही और मरीज के परिजनों से तीन सौ रुपये ले लिया। पैसा लेने के बाद वह वहां से फरार हो गया। जब मरीज की बेचैनी बढ़ने लगी तो मरीज के परिजनों ने रुपये लेने वाले वार्ड बॉय की तलाश शुरू कर दी। उस समय ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा पदाधिकारी वीरेंद्र प्रसाद तैनात थे। जब परिजनों ने उसकी काफी तलाश की तो सदर अस्पताल के अन्य कर्मियों ने उसका नाम एवं पता का उजागर कर पल्ला झाड़ने लगे। इसके बाद मरीज के परिजन अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे। मरीज के चाचा रमाकांत प्रसाद एवं मां मीना देवी ने पूरे नाम एवं पते के साथ शिफ्ट चेंज होने के बाद आए दूसरा चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अहमद अली से इसकी शिकायत की। तब डॉ. अहमद ने मरीज की जांच की और उसके बाद में मरीज को आराम हुआ। मामले में चिकित्सक अहमद अली ने आक्रोशितों को समझा-बुझाकर शांत कराया। उन्होंने दैनिक जागरण के रिपोर्टर को बताया कि इस मामले की शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की गई है।