परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिले के गुठनी प्रखंड मुख्यालय से सटे ममउर गांव बारिश के पानी से टापू जैसे हो गया है। हालात यह है कि ममउर गांव के पूरब, उत्तर और पश्चिमी ओर से ताल का पानी सैकडों एकड़ फसलों को जलमग्न करते हुए गांव में घुस गया है। गांव के पूरब बगल हरिवंश यादव के दरवाजे पर चार फीट पानी जम गया है जिससे घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया हैं। वहीं उत्तर और पश्चिमी तरफ से पानी से पूरा गांव घिर गया है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि गुठनी पूर्वी, सेलौर, बसुहारी, बलुआ, हनुमानगंज, योगियाडीह समेत दर्जनों गांवों का पानी ममउर गांव के ताल में ही गिरता है।
पहले ताल के पानी का निकास बसुहारी गांव से होकर ग्यासपुर नदी में होता था, लेकिन सड़क के बगल में मिट्टी भरावने के कारण पानी निकलने का रास्ता बंद हो गया है, जिससे यह विकट समस्या उत्पन्न हुई है। ग्रामीणों ने बीडीओ को आवेदन देकर जल निकासी की मांग की है। बीडीओ धीरज कुमार दुबे ने बताया की स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि व पंचायत सचिव और अंचल निरीक्षक को जांच करने के लिए कहा गया है। जल्द ही स्थिति की जांच कर जल निकासी का प्रबंध कराया जाएगा। गंदगी से सड़क पर चलना हुआ मुश्किल है।वहीं बसंतपुर में लगातार हो रही बारिश से जन जीवन प्रभावित है। बुधवार की रात तेज हवा व गरज के साथ हुई बारशि गुरुवार की शाम तक जारी रही। बसंतपुर एसएच 73 पर सब्जी एवं फल विक्रेताओं द्वारा अवशेष फेंके जाने के कारण सड़क पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। फसल बर्बाद होने की आशंका से किसान चिंतित है।वहीं
हुसैनगंज प्रखंड क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से रुक रुककर हो रही बारिश से किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। धान की फसल में बाली निकल आई है। तेज हवा के साथ बारिश ने धान के पौधों को जमीन पर गिरा दिया है, इससे बालियों में दाना चिपक जाएगा और उपज भी कम होगी। किसान राजीव कुमार ने बताया कि अधिकतर खेतों में संकर धान के बीज बोया था,यह फसल बिल्कुल तैयार है, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण अब समस्या आन पड़ी है। ससमय फसल की कटाई नहीं की गई तो बाली से धान झड़कर जमीन पर गिर जाएगा तथा पानी में गिरने के बाद सड़कर फसल नुकसान हो जाएगा।