- बैरे ठेके बरगी ऐशे. नियम कोरे प्रति माशे.आमियो आची, तुमियो रोबे. बंधु एबर खेला होबे.
- दीदी बोले खेला होबे, बीजेपी बोले अस्पताल होबे.
परवेज अख्तर/ डेस्क रिपोर्टिंग :
तृणमूल कांग्रेस नेता देबांग्शु भट्टाचार्य ने जनवरी में मूल रूप से यह गीत लिखा था और यूट्यूब पर अपलोड किया था.तब से इस गीत में अनेक बदलाव देखे गये हैं. सबसे पहले पार्टी के बीरभूम के नेता अणुब्रत मंडल ने एक रैली में इसे नये बोल देते हुए ‘भयंकर खेला होबे’ लिखा.तृणमूल कांग्रेस के लोकप्रिय हुए चुनावी जुमले ‘खेला होबे’ (खेल हो गया) को प्रतिद्वंद्वी बीजेपी भी भुनाती दिख रही है और दोनों दलों के दिग्गज इसके बोलों का जिक्र कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल में अपनी रैलियों में इन शब्दों के इर्द गिर्द नारे बना रहे हैं.पीएम नरेंद्र मोदी ने भी पुरुलिया में अपनी रैली के दौरान इस स्लोगन का इस्तेमाल करते हुए ममता बनर्जी सरकार पर जमकर हमला बोला.पीएम मोदी ने कहा,“दीदी बोले खेला होबे, बीजेपी बोले विकास होबे।दीदी बोले खेला होबे, बीजेपी बोले शिक्षा होबे।दीदी बोले खेला होबे, बीजेपी बोले अस्पताल होबे.”
किसने लिखा ये गाना:
तृणमूल कांग्रेस नेता देबांग्शु भट्टाचार्य ने जनवरी में मूल रूप से यह गीत लिखा था और यूट्यूब पर अपलोड किया था. तब से इस गीत में अनेक बदलाव देखे गये हैं. सबसे पहले पार्टी के बीरभूम के नेता अणुब्रत मंडल ने एक रैली में इसे नये बोल देते हुए ‘भयंकर खेला होबे’ लिखा.
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ गीत ‘खेला होबे’ लोगों से तुरंत तारतम्य स्थापित करने में कामयाब रहा है. राज्य भर के युवाओं ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.’’
भट्टाचार्य ने हाल ही में कामरहाटी विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित कियाथा जिसमें हजारों की भीड़ ने रैप के अंदाज में गीत के हर शब्द को बोला.
पश्चिम बंगाल सरकार के पूर्व मंत्री और इसी क्षेत्र से सत्तारूढ़ खेमे के उम्मीदवार मदन मित्रा ने भी ‘खेला होबे’ का अपना संस्करण बनाया है.वहीं घाटल से पार्टी के विधायक शंकर डोलई को एक रोड शो में इस गीत पर थिरकते हुए देखा गया.मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी रैलियों में मतदाताओं से सवाल करती हैं कि क्या वे खेला होबे के लिए तैयार हैं? जवाब में लोग तालियां बजाते हैं.
ऐसी ही एक जनसभा में बनर्जी ने कहा, ‘‘खेला होबे. अमी गोलकीपर. देखी के जेते (खेल चल रहा है. मैं गोलकीपर हूं. देखते हैं कि कौन जीतता है).’’
बीजेपी नेताओं ने भी इस जुमले को अपने अंदाज में अपनाया है.कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में बनर्जी और उनकी पार्टी पर चुटकी लेते हुए ‘खेला होबे’ का जिक्र किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘खेला खतम.विकास शुरू.’’
बीजेपी प्रवक्ता शामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘चुनाव की तुलना कभी खेल से नहीं की जा सकती. नारे में धमकी का तत्व छिपा हुआ है.’’ हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष अपने विरोधियों को जवाब देने के लिए उनके इसी नारे का इस्तेमाल करने से संकोच नहीं कर रहे.
उन्होंने कहा, ‘‘खेल शुरू होने दीजिए. राज्य की जनता बीजेपी के लिए वोट करेगी और तृणमूल कांग्रेस को कुशासन के लिए मुंहतोड़ जवाब देगी. बहुत जल्द परिवर्तन होगा.’’
देबांग्शु भट्टाचार्य के लिखे जुमले के बोल हैं, ‘‘बैरे ठेके बरगी ऐशे. नियम कोरे प्रति माशे.आमियो आची,तुमियो रोबे. बंधु एबर खेला होबे. (हर महीने बाहर से आये लुटेरे राज्य में आ रहे हैं,लेकिन हम उनका सामना करने को तैयार हैं. खेल चालू है).’’