परवेज अख्तर/सिवान:- जिले में किसानों की मुश्किलें थमती नहीं दिख रहीं. एक तरफ बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि और आंधी की मार तो दूसरी तरफ अब कोरोना वायरस का प्रकोप खेतों में गेहूं और सरसों की फसल तैयार है. मगर, लॉकडाउन के कारण गेंहू की कटाई नही हो पा रही है. हर बीतते दिन के साथ किसानों को चिता भी बढ़ने लगी है.की अब फसल पूरी तरह पक गयी है अब नही कटेगी तो बर्बाद हो जायेगी. इसको लेकर उनके माथे पर चिता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. कम खेती होने के कारण सरसों तो किसी तरह कट भी गया. मगर, गेहूं की कटाई काफी मुश्किल हो रही है.जिले का कोरोना हॉटस्पॉट क्षेत्र में गेहूं की फसल खेतों में पककर तैयार है.लॉकडाउन की वजह से अधिकतर किसान खेतों में लगे गेहूं की फसल काटने से कतरा रहे हैं.उन्हें डर है कि कहीं लॉकडाउन के उल्लंघन के कारण कोई कानूनी कार्रवाई ना हो जाए. इससे किसान चितित और परेशान है. किसान उमाशंकर साह, महेश चंद्र मांझी,मैनुद्दीन अंसारी, मणिराज भगत,योगेंद्र यादव आदि दर्जनों किसान ने बताया कि खेतों में गेहूं की फसल तैयार है.लेकिन लॉकडाउन के मजदूर कटाई को तैयार नहीं.साथ ही दूसरी तरफ गेहूं दौनी के थ्रेशर मशीन, ट्रैक्टर आदि भी नहीं मिल रहा है. किसान कहते हैं यदि गेहूं की फसल की कटाई समय पर नहीं हुई तो फसल और किसान बर्बाद हो जाएगा. वही अन्य किसानों का कहना है कि सरकार को किसानों के इस समस्या के बारे में संवेदनशील होना चाहिए. कृषि विभाग को को फसल कटाई में सहयोग करना चाहिए. साथ ही सरकार को जल्द से जल्द फसल का समर्थन मूल्य घोषित कर फसल की खरीद सुनिश्चित करनी चाहिए.वही प्रसासनिक अधिकारियों की माने तो किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. गेहूं की कटाई पर कोई रोक नहीं है. किसान अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए फसल की कटाई और उनको तैयार कर सकते हैं.
किसानों का आर्थिक नुकसान
गेंहू की कटाई सर पर है.समय रहते अगर गेहूं की कटाई नहीं हुईं तो किसानों का आर्थिक नुकसान के साथ ही भूखमरी का सामना भी करना पड़ सकता हैं . मजदूरों की कमी के कारण हार्वेस्टर से ही गेहूं की कटाई होती हैं . कई लोगों ने 50 -65 लाख रूपये लगाकर हार्वेस्टर खरीद रखा हैं लेकिन इसका ड्राइवर और मैकेनिक दूसरे राज्य पंजाब और हरियाणा से आते हैं . कोरोना बीमारी को लेकर पुरा देश संघर्ष कर रहा हैं .कोरोना वायरस के मामले में जिला सूबे के नंबर वन स्थान पर है. कोरोना का संक्रमण फैलता जा रहा हैं .इसको लेकर सरकार ने बाहर के हार्वेस्टर ड्राइवर से कोई काम लेने पर रोक लगा दिया हैं . इधर मोटी रकम लगाकर हार्वेस्टर खरीद चुके कारोबारियों को यह चिंता सताएं जा रही हैं की बैंक को कर्ज कैसे चुका पाएंगे . वही किसानों के सामने बस यही एक उपाय बचा है की हाथों से ही गेहूं की कटाई कर खेतों में झड़ने से बचाए .