पटना: पटना की न्यायिक दंडाधिकारी विद्या अमल के कोर्ट रूम की अजीबोगरीब घटना को देखकर यह भ्रम हो गया कि हमारा देश पुरुष प्रधान समाज है? भरी अदालत में पति पत्नी से माफी मांगता रहा, हाथ जोड़ता रहा, फिर से गलती नहीं करने की कसमें खाता रहा, पत्नी के निकट जाने की कोशिश करता रहा मगर पत्नी पति से मुक्ति पाने के लिए दूर हटती रही l घरेलू हिंसा से जुड़े एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान ये वाकया देखने को मिला l न्यायालय में उपस्थित ससुर ने भी माफी मांगते हुए कहा, ‘बेटी तुम चली जाओगी तो हम लोग कैसे रहेंगे। तुम्हें तो बेटी की तरह ही प्यार दिया हैl’ न्यायिक दंडाधिकारी ने भी इस दाम्पत्य विवाद को देखकर बस इतना कहा, हम कानून से बंधे हैं, लड़की जैसा चाहेगी वही होगा l
सुनवाई के लिए करना होगा इंतजार
हालांकि इस मामले पर अगली सुनवाई अब दो फरवरी को होगी और अदालत को यह निर्णय लेना है कि क्या पति और पत्नी के बीच संबंध अब मधुर हो गए हैं? अधिवक्ता श्रुति सिंह ने घरेलू हिंसा से जुड़े इस मुकदमे को दायर किया है l
इसलिए अलग होना चाहती है पत्नी
पत्नी का आरोप है कि उसके पति ने उसके बाल खींचे थे l उन्हें खाना परोसने और फल काटने के लिए बाध्य किया गया था l काम से थककर आती हूं तब भी उससे रोटियां बनवाई जाती है l पति कभी-कभी बातचीत करने के बाध्य करता है l पत्नी ने अपने आवेदन में कहा है कि वह अब पटना में रहना नहीं चाहती है l वह हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला जाना चाहती है l उसके पति ने 70, 000 का लैपटॉप और एसी भी खरीदवा लिया, जब कि मेरा पति भी प्राइवेट जॉब करता है l याचिकाकर्ता ने कहा कि मैं यहां से एयरपोर्ट जाऊंगी तो मेरा पति पीछा करते हुए आ जाएगा l इस एपिसोड के बीच में ही न्यायालय में उपस्थित ससुर ने कहा कि, ‘माफ कर दो कहीं मत जाओ मत छोड़ो l’ लेकिन पत्नी थी कि न्यायालय में उपस्थित भाई के गले लग कर कहती रही, ‘अब मैं अपने पति से मुक्ति के लिए तलाक लेकर रहूंगी l देखना है अदालत क्या फैसला लेती है।