भागलपुर: जिले के एकचारी दियारा में रविवार देर रात दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां अपने ससुराल में रह रहे दामाद ने अपने ससुर, सास और पांच साल के बच्चे को पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया। घटना में आरोपी मनोज मंडल के ससुर सुरेश मंडल (60) और सास कलावती देवी (55) की मौत हो गयी जबकि मनोज का पांच साल का बेटा आदित्य गंभीर रूप से झुलस गया है। घटना रविवार की देर रात लगभग 12.30 बजे की है।
मनोज मंडल जिस चौकी और मच्छरदानी पर पेट्रोल छिड़का, उसपर उसका बेटा आदित्य अपने नाना सुरेश और नानी कलावती के साथ सोया हुआ था। मनोज ने जब पेट्रोल छिड़क कर आग लगाई तो ससुर सुरेश की नींद खुली और उन्होंने पत्नी कलावती और आदित्य को चौकी से नीचे धकेला पर तबतक तीनों के शरीर को आग की तेज लपटों ने गिरफ्त में ले लिया था। सुरेश चिल्लाने लगे और इधर-उधर भागकर बचाने की गुहार लगाने लगे।
सुरेश ने दामाद मनोज को वहां से भागते देख लिया था इसलिए उन्होंने अपनी बेटी लक्ष्मी और आस-पास के लोगों को बताया कि उनके दामाद ने ही घटना को अंजाम दिया है। उनकी बेटी और आदित्य की मां लक्ष्मी अपनी दो महीने की बेटी के साथ दूसरी जगह पर सो रही थी इसलिए कुछ देर बाद वहां पहुंची। तीनों को आग की लपटों में देख आस-पास के लोग दौड़े और आग को बुझाया और फिर इलाज के लिए लेकर चले। आग में झुलसने के बाद सुरेश, कलावती और आदित्य को सुबह लगभग छह बजे मायागंज लाया गया। कलावती की मौत रास्ते में ही हो गयी थी जबकि सुरेश ने मायागंज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
आरोपी मनोज की पत्नी और मृतक सुरेश की बेटी लक्ष्मी ने बताया कि मनोज नशे की हालत में उसके साथ अक्सर मारपीट करता है। कुछ दिनों पहले मनोज ने लक्ष्मी को घर से भगा दिया। इसके बाद वह अपने मायके आ गयी। मायागंज में अपने पांच साल के बेटे आदित्य का इलाज करा रही लक्ष्मी का कहना है कि रविवार की रात उसका पति मनोज उसके पास आया था। उसी समय उसके पिता ने मनोज को समझाने की कोशिश की तो मनोज ने पिस्तौल निकाल लिया। उसके बाद सुरेश ने मनोज को डांट फटकार कर वहां से भगा दिया और सभी लोग खाना खाकर सो गये। उसके बाद उन लोगों के सोये अवस्था के दौरान ही मनोज पेट्रोल लेकर आया और घटना को अंजाम दे दिया।
लोगों ने बताया कि सास, ससुर और बेटे को जलाने वाला मनोज मूल रूप से रानी दियारा क्षेत्र का रहने वाला है। उसका घर बाढ़ के पानी में कट गया तो वह ननिहाल बुद्धूचक थाना क्षेत्र में ओनली टोला में आकर रहने लगा। वहीं पर वह ठेला पर झालमूढ़ी बेचने लगा। उसके बाद वहीं पर उसने अपना घर भी बना लिया और किराना की दुकान खोल ली। उसके माता-पिता भोरंग के पास घर बनाकर रहते हैं।