पटनाः इफ्तार पर बिहार में सियासी दिग्गजों की मुलाकातों के बाद सियासी हलचलें बढ़ गई है. राजनीतिक कयासों के साथ-साथ राजनीतिक पंडित भी इस पर अपनी-अपनी तरह से गुणा भाग करने लगे हैं. इस बीच जदयू नेता और पूर्व सांसद अली अशरफ फातमी और बांका से जदयू के सांसद गिरधारी यादव ने ‘चाचा भतीजा एक हो जाएं तो बिहार के लिए बेहतर होगा’ कह कर इफ्तार पर बिहार में पक रही ‘राजनीतिक खिचड़ी’ को बल दे दिया है. इससे पहले लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने कहा था कि मेरी नीतीश चाचा से सीक्रेट बात हुई है. बिहार में जल्द ही खेला होगा.
दरअसल, एक सप्ताह के अंदर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की दो मुलाकातों के बाद बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है. इस मुलाकात के बाद से बिहार की राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तरह से इसके मायने निकालने शुरू कर दिए हैं. वरिष्ठ पत्रकार लव कुमार मिश्रा का मानना है कि इफ्तार के बहाने बिहार में राजनीतिक गोलबंदी की कोशिश तेज हो रही है. बोचहां उपचुनाव के बाद बिहार की राजनीति में जो नए समीकरण बने हैं उसका बिहार की राजनीति पर विशेष प्रभाव पड़ा है. इससे जहां राजद का कद बड़ा हुआ है वहीं भाजपा इस पर मंथन कर रही है कि आखिर क्यों बिहार में उसके परंपरागत वोटर उसका साथ छोड़ रहे हैं. बिहार में सियासी सरगर्मी का यह एक बड़ा कारण है और इफ्तार पार्टी के बहाने बिहार में सियासी खेमेबंदी शुरू हो गई है.