पटनाः जातीय जनगणना के मामले में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू तेजस्वी यादव के साथ है लेकिन इसके अलावा इसका और कोई मतलब नहीं है. यह भी साफ है कि इस मामले में बीजेपी ने अब तक सकारात्मक सिग्नल नहीं दिया है. यह बातें शनिवार को जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहीं. इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की पांच साल बाद बंद कमरे में मुलाकात पर भी बयान दिया है.
दरअसल, पांच साल पहले जब तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने थे तो तब उनकी आखिरी मुलाकात नीतीश कुमार से अकेले बंद कमरे में हुई थी. पांच साल बाद फिर ऐसे समय में जब बीजेपी और जेडीयू में सब कुछ ठीक नहीं चला रहा है इस दौरान मुलाकात हुई जिसके बाद सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई. इसको लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अकेले मुलाकात की कोई अलग से राजनीतिक अर्थ निकालने की जरूरत नहीं है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सबको मालूम है कि तेजस्वी ने पहले ही बयान दिया था कि जातीय जनगणना पर उनकी पार्टी की ओर से कोई कार्यक्रम होने वाला है. इसके पहले वो मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं कि बिहार की सरकार क्या चाहती है और क्या कर रही है. उसी संदर्भ में बात हुई थी. दोनों के बीच बातचीत का यही विषय था.
एक सवाल पर कि हाल के दिनों में तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की मुलाकात सुर्खियों में रही है. इफ्तार के मौके पर पैदल ही नीतीश कुमार निकल गए. जब जेडीयू की ओर से इफ्तार पार्टी हुई तो नीतीश कुमार बाहर तक छोड़ने आए. ऐसा नहीं लगता है कि ये नजदीकियां बीजेपी को खटक रही? इसपर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इसमें खटकने जैसा नहीं होना चाहिए. बीच में कोरोना काल था तो दो साल तक आना-जाना बंद था. इफ्तार का कार्यक्रम हुआ तो सब लोगों ने किया. मुख्यमंत्री के यहां भी हुआ और तेजस्वी के यहां भी हुआ. ऐसा नहीं है कि इसके चलते नजदीकी बढ़ गई, किसी को खराब लगे या किसी को अच्छा.
मजबूती के साथ चला रहे हैं एनडीए
एक दूसरे सवाल के जवाब में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अभी कोई एजेंडा नहीं है. एजेंडा पर बात होती है. हमलोग एनडीए के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं. बीजेपी, जेडीयू, जीतन राम मांझी सब लोग मिलकर एनडीए चला रहे हैं. इसमें कोई नया एजेंडा नहीं आया है कि हम कहां जाएंगे नहीं जाएंगे. इसका कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. जातीय जनगणना पर हम आज साथ दिख रहे हैं ऐसा नहीं है. पहले से ही साथ हैं और बीजेपी भी थी.
बीजेपी के कारण रुकी जातीय जनगणना?
क्या बीजेपी के कारण जातीय जनगणना रुकी है? इस पर कहा- “यह बात बिल्कुल ठीक है. भारतीय जनता पार्टी अब तक फैसला नहीं कर पाई है. फैसला मतलब बिहार बीजेपी की बात कर रहे हैं. क्योंकि केंद्र सरकार का जो स्टेप है उसमें यह कहा जा चुका है कि कोई सरकार अपने यहां कराना चाह रही है तो राज्य की सरकार करा सकती है. जब राज्य की सरकार करा सकती है तो मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह हो. हमारी पार्टी का स्टैंड क्लियर है. मुख्यमंत्री का भी यह कहना है कि तमाम दल के नेताओं को बैठा लिया जाए और बैठकर के कैसे करना है इसपर तय हो जाए.”
बीजेपी की ओर से नहीं मिला सिग्नल
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस ओर बीजेपी ने अब तक सकारात्मक सिग्नल नहीं दिया है कि इस तरह की बैठक में वो जाएंगे या नहीं जाएंगे. भारतीय जनता पार्टी के चलते यह विलंब हो रहा है. जातीय जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव के साथ हैं लेकिन बाकी हम पूरी मजबूती के साथ एनडीए के साथ हैं. वहीं एक पोस्टर में नीतीश कुमार की तस्वीर नहीं होने के सवाल पर कहा कि किसी एक व्यक्ति ने ऐसा कर दिया तो इसका अर्थ पूरी पार्टी पर नहीं निकालना चाहिए.