पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव में बीजेपी-जेडीयू ने मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी व मांझी की पार्टी हम को एक भी सीट देने से मना कर दिया। मांझी ने भी इस मुद्दे पर सहनी का साथ नहीं दिया और कह दिया कि 2 सीटों के लिए सरकार को अस्थिर करना समझदारी नहीं। वहीं मुकेश सहनी को एक भी सीट नहीं मिलने पर राजद ने भी चिढ़ाया है।
मुकेश सहनी के दल के ही विधायक उनके साथ नहीं हैं। पहले मांझी का साथ मुकेश सहनी को मिल रहा था। लेकिन अब मांझी ने भी किनारा कर लिया है। बेबस सहनी अपनी ही फेंके जाल में फंस गये हैं। बीजेपी-जेडीयू ने जब बिना जमीन वाले नेता को कोई भाव नहीं दिया तो बिलबिलाये मुकेश सहनी ने एनडीए पर हमला बोला है और 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है।
अपने दल के भी तीन विधायकों का समर्थन नहीं रखने वाले मुकेश सहनी ने दावा किया है कि बिहार में एनडीए खत्म हो चुका है कहा है कि मैं छोड़कर नहीं जा रहा बल्कि मुझे एनडीए गठबंधन से भगाया जा रहा है. बिहार एनडीए सिर्फ दो पार्टियों तक ही सीमित रह गया है। सहनी ने कहा कि मेरे और जीतनराम मांझी के बूते पर सरकार टिकी हुई है। मुझे किसी अंजाम की परवाह नहीं है। एनडीए में सभी दलों के बीच सीटों का बंटवारा होना चाहिए था।वीआईपी को एक भी सीट नहीं मिली। अब हम अपने दम पर 24 सीटों पर लड़ाई लड़ेंगे। जिस तरह से पहले एनडीए था अब वैसा एनडीए नहीं रहा। मैं एनडीए नहीं छोड़ रहा मुझे भगाया जा रहा है। बड़ा सवाल यही है कि जब एनडीए से अलग होकर उम्मीदवार उतारेंगे तो क्या मुकेश सहनी पहले मंत्री पद से इस्तीफा देंगे?
राजद विधायक तेज प्रताप यादव ने सहनी पर तंज कसा है। उन्होंने नाम तो नहीं लिया है लेकिन ट्वीट कर कहा है कि उस नाव वाले का रिचार्ज आज फिर एक्सपायर हो गया। शायद उस किनारे नेटवर्क का प्राब्लम रहता होगा। बता दें, शनिवार को पटना में विप की 24 सीटों को लेकर एनडीए में बंटवारा हुआ। इसके तहत बीजेपी को 12, जेडीयी-11 व पारस की पार्टी को 1 सीट दी गई है. मांझी को भले ही एक भी सीट नहीं दिया गया हो लेकिन मांझी की पार्टी सरेंडर कर दिया है।