परवेज अख्तर/सिवान :- कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप ने लोगों के हिला कर रख दिया है। लोग मंदिरों में तथा घरों में पूजा- पाठ के दौरान भगवान से इसे जल्द ही मुक्त दिलाने की तो विनती करते ही थे अब इसको लेकर कुछ महिलाओं द्वारा कोरोना माता कह कर पूजा पाठ भी करनेवाले लगे है।इसी तरह का एक मामला प्रकाश में आया है। मामला मैरवाधाम स्थित झरही नदी के किनारे का है जहां सोमवार की सुबह कुछ महिलाओं द्वारा इकट्ठा होकर 9 लड्डू तथा 9 फूल रखकर अन्य पूजन सामग्री चढ़ाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
अर्ध्य देते समय महिलाओं ने अपने क्षेत्र को तथा देश को इस कोरोना के संकट से मुक्त कराने की विनती की। महिलाओं द्वारा किया गया पूजा- पाठ क्षेत्र में चर्चा का विषय है। वही लोग इसे मूर्खता पूर्ण तथा अंधविश्वास बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि जहां विज्ञान भी विफल है ।वहां पूजा- पाठ करना ढोंग तथा अंधविश्वास के सिवाय कुछ नहीं है। इससे बचाव का एकमात्र तरीका चिकित्सा विभाग के निर्देशों का पालन करना है। लकड़ी नवीगंज संवाददाता से मिली जानकारी के अनुसार देवभूमी की संस्कृति आस्था एवं विश्वास के बीज से अंकूरीत है।
लेकिन आस्था और बिश्वास अंधविश्वास में बदल जाए तो कभी कभी मुसीबतो का सामना करना पड़ता है। जी हाँ आस्था का केन्द्र बना बसंतपुर प्रखंड स्थित धरीक्षण बाबा का स्थान सोमवार को कुछ अलग नजारा ही प्रस्तुत कर रहा था। सैकड़ों की संख्या में सोशल डिष्टेंसीन का पालन करते हुए महिलाए हाथ मे खुर्पी लिए पहुँचती है। स्थान के पश्चिम परती में गढे खोंद कर उसमें लडू एवं सिन्दुर डालते हुए अपने अपने परिवारवालों का नाम रख कर मंगल गीत गीत गाकर कोरोना माई की पुजा कर रही है। पुछे जाने पर कुछ महिलाओं ने बताया कि कोरोना से अपने परिवार वालों के बचाव के लिए सभी महिलाओं को ये पुजा करना जरूरी है। उनलोगो ने बताया कि मोबाइल के वाटसप ग्रुप पर कोरोना से बचाव के लिए दिन रात प्रचार किया जा रहा है। क्या आप नही देखे है?