परवेज अख्तर/सिवान: लकड़ी नबीगंज रविवार को प्रखंड के उच्च विद्यालय किशनपुरा मदारपुर के प्रांगण में प्रखंड क्षेत्र के सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मेलन जिला परिषद क्षेत्र संख्या 37 के पार्षद रमेश सिंह के अध्यक्षता में संपन्न हुआ. इस बैठक में प्रखंड क्षेत्र के सभी जीते हुए वार्ड सदस्य, पंच, मुखिया, सरपंच एवं जिला परिषद सदस्यों ने भाग लिया. सभा को संबोधित करते हुए मुखिया संघ अध्यक्ष राम कुमार सिंह ने पंचायती राज पर प्रकाश डाला. जिला परिषद सदस्य रमेश सिंह ने कहा कि यह बैठक अफसरशाही के विरुद्ध किया गया है. किसी भी प्रतिनिधियों के बातों को अंचल प्रखंड और थाना के पदाधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे है और दलाल जो चाहते हैं वहीं हो रहा है. हम सभी चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इसके विरुद्ध आवाज उठाना होगा.
सभा को संबोधित करते हुए गोपालपुर सरपंच लवलीन चौधरी ने कहा कि वैसे तो वार्ड पंच सरपंच मुखिया प्रखंड स्तर पर अपने अपने संघ का चुनाव कर लिए हैं. बहुत पंचायतों में देखा जाता है कि वार्ड सदस्यों समिति सदस्यों और मुखियाओ मे आपसी सामंजस्य नहीं है, इसलिए सभी को मिलाकर इस संगठन को तैयार किया जाता है, ताकि सबका शिकायत सुनकर निराकरण किया जाएगा. उन्होंने कहां की पंचायती राज पदाधिकारी सम्राट चौधरी के द्वारा कहां गया है कि जिस पंचायत में बाल विवाह की सूचना मिलेगी. वहां के मुखिया को बर्खास्त कर दिया जाएगा. मुझे मंत्री जी से कहना है कि जनप्रतिनिधि जनता के द्वारा चुना जाता है उसे बर्खास्त करना जनता के हाथ में है. इस परिस्थिति में आप कैसे बर्खास्त कर सकते हैं. आखिर प्रशासनिक कमी का ठीकरा मुखियाओं के सिर पर क्यों फोड़ना चाहते हैं ?
डुमरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बृजेश सिंह ने कहा की लकड़ी नवीगंज प्रखंड से हम लोग पूरे बिहार के चुने हुए जनप्रतिनिधियों से आग्रह करते हैं कि एक मंच पर आकर पंचायती राज्यमंत्री के बातों का विरोध करें. सर्वसम्मति से पारित कर मंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया. अध्यक्ष सह जिला पार्षद रमेश सिंह द्वारा एकत्रित सभी जनप्रतिनिधियों को फूल माला और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. बैठक मैं जिला पार्षद त्रिभुवन सिंह, मुखिया प्रतिनिधि राज किशोर सिंह, फिरोज आलम, नंद किशोर राय, हरेंद्र सिंह, सरपंच सुरेश सिंह, बीडीसी श्रीनाथ शुक्ल, टुनटुन राम, शंकर मांझी, टुनटुन राम, वार्ड बृजकिशोर राय, राजेश राय, सुदीस राम, प्रिंस सिंह समेत सभी जनप्रतिनिधि शामिल थे.