छपरा: स्वास्थ्य केंद्र मकेर के मुख्य द्वार में गत रविवार से स्वास्थ्य कर्मी द्वारा तालाबंदी कर कार्य को बहिष्कार कर दिया गया है।गत 36 घण्टे से ओपीडी तथा आपातकालीन सेवा बंद रहने से रहने से मरीजों को उपचार के लिए भटकना मजबूरी बन गई है। क्षेत्र के मरीज को निजी क्लिनिक में उपचार कराना पड़ रहा है। इससे मरीजों को आर्थिक बोझ उठानी पड़ रही है। सुदूर देहाती क्षेत्र से उपचार कराने पहुंचे मरीज सरिता देवी,पप्पू महतो, रीना देवी, आशा देवी, सुरेंद्र महतो ने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आया था।लेकिन अस्पताल बंद पाया गया।बिना उपचार के ही हम लोगो को बैरंग लौटना पड़ रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था की मांग पर अड़े हैं स्वास्थ्य कर्मी
रविवार को चंदीला गांव के एक 45 दिन के बच्चा के मौत के बाद परिजनों तथा ग्रामीणों द्वारा हंगामा तथा चिकित्सक के साथ विवाद को लेकर स्वास्थ्य कर्मी कार्य को बहिष्कार कर सुरक्षा की मांग कर रहे है। स्वास्थ्य प्रबंधक सरोज कुमार ने बताया कि आए दिन स्वास्थ्य कर्मी के साथ विवाद किया जाता है। रविवार के दिन चिकित्सक के साथ मारपीट और स्वास्थ्य कर्मी के साथ अभद्र व्यवहार से सभी कर्मी दहशत में है।
इस लिए जब तक प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नही कराया जाएगा जब तक हॉस्पिटल में तालाबंदी रहेगा। छपरा में चिकित्सकों की बैठक में सेवा बहाल पर होगी निर्णय-प्रभारी चिकित्सा प्रभारी गोपाल कृष्ण ने कहा कि बच्चा के मौत के उपरांत परिजनों तथा ग्रामीणों द्वारा की गई विवाद को लेकर छपरा में चिकित्सकों की बैठक होगी। इसमें अस्पताल में सेवा बहाल करने पर पहल की जाएगी।स्वास्थ्य कर्मी की सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग पर पहल होगी उसके उपरांत अस्पताल में सेवा बहाल किया जाएगा।