परवेज़ अख्तर/सिवान:- दैनिक वेतन भोगी के रूप में बहाल ग्रामीण कार्य विभाग के चार कर्मी नियमित नियुक्ति के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इनके पास उच्च न्यायालय का आदेश भी है, जिसका अनुपालन दो वर्ष बाद में विभाग द्वारा नहीं किया जा सका है। विभागीय कार्रवाई कागजों में दौड़ रही है। मैरवा प्रखंड के कबीरपुर निवासी जगदीश सिंह ने बताया कि 35 वर्ष पूर्व दैनिक वेतन भोगी के रूप में उन्हें बहाल किया गया। सेवा नियमितीकरण के लिए 2013 में उन्होंने उच्च न्यायालय का शरण लिया। उनके साथ मैरवा प्रखंड के बरासो के महेश राम, रघुनाथपुर के नरहन निवासी अरविद गिरि, हुसैनगंज के रेनुआ निवासी अजय कुमार सिंह ने भी उच्च न्यायालय गुहार लगाई थी।
सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय लोक अदालत द्वारा सितंबर 2018 में दोनों पक्षों की सहमति पर सेवा नियमितीकरण का निर्णय हुआ। इसके बाद न्यायालय के आदेश के अनुपालन में सेवा नियमित करने के लिए सभी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। हालांकि न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिए ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ने ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को 26 अप्रैल 2019 को पत्र लिखकर उनके नियमित नियुक्ति के लिए उचित प्राधिकार को आदेश देने का अनुरोध किया है। इसके बाद 25 जुलाई को कार्यपालक अभियंता ने अधीक्षण अभियंता को पत्र भेज कर इनके नियमित नियुक्ति के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, लेकिन पूरा मामला एक टेबल से दूसरे टेबल पर जाकर फाइलों में सिमटा हुआ है।