✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ: सारण जिला के राजनीति में अब तक एनडीए का दबदबा रहा है, जिला परिषद से लेकर नगर निगम के मेयर के पद तक पर एनडीए का ही जलवा रहा है। लेकिन 2021 के जिला परिषद अध्यक्ष चुनाव में मढ़ौरा के राजद विधायक जितेंद्र राय का पाषर्दों पर जादू चल गया। राजद के जिला अध्यक्ष के विरोध के बावजूद एवं एनडीए के तमाम नेताओं की कोशिशों के बाद भी अध्यक्ष पद पर बिठाने में मढ़ौरा विधायक कामयाब रहे। युवा विधायक के केमिस्ट्री व कुशल नेतृत्व ने सारण में सफलता का परचम लहरा दिया है।
इससे सारण जिला के राजनीति में एक युवा विधायक का जलवा कायम होते दिख रहा है। इस तरह जिला के दो महत्वपूणर् पद नगर निगम के मेयर और जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर राजद का कब्जा हो गया है। इस संबंध में मढ़ौरा विधायक जितेंद्र राय से संपकर् करने पर उन्होंने बताया कि जिला परिषद में एक परंपरा बनी थी उसे तोड़ने का काम किया है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही थी और एक खास समुदाय का ही दबदबा था। पत्रकारों से बात करते हुए विधायक ने यह भी कहा कि सभी समुदाय के पाषर्दों को जोड़कर मैंने एक मंच पर लाने का काम किया है जिसका परिणाम जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव दशार्ता है। वहीं युवा विधायक के केमिस्ट्री ने बीजेपी समथिर्त प्रियंका सिंह को अपने पाले में कर उन्हें भी उपाध्यक्ष पद पर बैठाकर कर सुशोभित करने का काम किया है,
जिसकी चचार् जिला भर में की जा रही है। विधायक जितेंद्र राय ने जातीय समीकरण को तोड़कर जिला में एक नया संदेश देने का काम किया है। जिसका असर आने वाला लोक सभा चुनाव पर पड़ने वाला है। सारण के राजनीतिक पंडितों की माने तो विधायक का यह राजनीति दूरदृष्टि की है, कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना वाली कहानी चरिताथर् होते दिख रही है। सारण मे दो लोक सभा सीट है जिस पर भारतीय जनता पाटीर् का कब्जा है,वहीं तीन विधानसभा क्षेत्रों क्रमशः छपरा, तरैया एवं अमनौर विधानसभा शामिल है। जबकि जिला में राजद के छःविधायक हैं जिसमें चार यादव समुदाय से आते हैं। एक राजपूत और एक एस.सी.एसटी.से आते हैं तथा मांझी के यादव समुदाय के विधायक जो इनके गठबंधन में है। जिला परिषद अध्यक्ष के जीत के बाद अब चचार् जोरों पर है कि मढ़ौरा के राजद विधायक जितेंद्र राय अब लोकसभा के उम्मीदवार होगें। विधायक के जिला में बढ़ते कद से कायर्कतार्ओं मे खुशी व्याप्त है।
वहीं राजद सुप्रीमो के नजर में विधायक जिला में इकलौता साबित होंगे,और इनके कुशल नेतृत्व और विधायक को अब लोकसभा उम्मीदवार बनाने से आलाकमान परहेज नहीं कर सकते हैं। सारण जिला के राजनीति में अब जितेंद्र राय का दबदबा कायम हो चुका है। वहीं एनडीए को अब सारण जिला के राजनीति में दखल देने में नए सिरे से विचार करना होगा।