परवेज अख्तर/सिवान: नौतन पुलिस की बर्बरता का शिकार एक युवक ने डीआईजी को आवेदन भेजकर न्याय की गुहार लगाई है. बतादें कि नौतन पुलिस से अपराधियों को कोई भय नहीं है। लेकिन आम बुद्धिजीवी लोगों को यह भय जरूर है कि अपने हक के लिए अगर पुलिस के विरुद्ध पुलिस से कोई बात की जाएगी तो किसी न किसी आपराधिक मामले में थानाध्यक्ष जरूर फंसा देंगे. ऐसे ही एक मामले में पिपरा निवासी प्रशांत कुमार तिवारी ने नौतन थानाध्यक्ष के विरुद्ध डीआईजी सारण, एसपी सिवान तथा पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी सीवान को रजिस्ट्री पत्र के माध्यम से आवेदन पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगायी है. उसने बताया कि पिपरा गांव के परमहंस राय के बड़े पुत्र अशोक राय से अपने भाई के नाम पर जमीन रजिस्ट्री कराया.
रजिस्ट्री कराने के बाद परमहंस राय द्वारा जमीन वापस करने के लिए षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसाने लगे हैं. इसी मामले में परमहंस राय, उनका छोटा पुत्र अश्विनी राय तथा अन्य गवाहों की गवाही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के समक्ष हुई, जिसमें प्रिंस तिवारी, धीरज तिवारी तथा प्रशांत तिवारी के शामिल नहीं होने की बात की गई. इसके बावजूद भी थानाध्यक्ष द्वारा विपक्षीगण के माध्यम से आर्थिक दोहन कराते हुए अन्य मुकदमे में फंसाने की बात की जा रही है. हालांकि विपक्षीगण द्वारा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के यहां काण्ड संख्या 10/020 दर्ज कराने के बाद भी नौतन थानाध्यक्ष द्वारा विपक्षीगण के प्रभाव में आकर नौतन थाना काण्ड संख्या 102/020 दर्ज कर लिया गया. पीड़ित ने अपने विरुद्ध दर्द किये गए मुकदमे को फर्जी बताते हुए, उसमें दोषमुक्त करने की गुहार लगायी