- गोताखोरों के काफी मशक्कत के चार घंटे बाद मिला शव
- स्वजनों के चीत्कार से माहौल हुआ गमगीन
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गुठनी प्रखंड के करदासपुर गांव में आयोजित शतचंडी महायज्ञ के लिए निकली कलश यात्रा में शामिल एक युवक की सरयू नदी में डूबने से मौत हो गई। इस घटना के बाद स्वजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। मृतक की पहचान खपवा निवासी रमेश यादव के पुत्र नितेश यादव के रूप में हुई है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि करदासपुर में आयोजित शतचंडी महायज्ञ के लिए शनिवार को कलश यात्रा निकाली गई थी। इसमें खपवा निवासी नितेश यादव भी शामिल होकर ग्यासपुर स्थित सरयू नदी के पास गया था। इस दौरान वह जल भरने के बाद सरयू नदी में स्नान करने लगी। स्नान करने के दौरान वह गहरे पानी में चला गया। उसे डूबते देख लोग चिल्लाना शुरू किए। युवक की डूबने की खबर मिलते ही आसपास के लोग सरयू नदी में गोता लगा उसे खोजना शुरू कर दिया, लेकिन नितेश पानी की धार में बह गया था। इस मौके पर गोताखोरों द्वारा नितेश को खोजने के लिए काफी प्रयास किया गया। वहीं स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना उसके स्वजनों तथा पुलिस को दी। घटना की जानकारी मिलते ही स्वजन नदी किनारे पहुंच दहाड़ मारकर रोने लगे। साथ ही तीर बलुआ गांव के प्रशिक्षित गोताखोर तत्काल मौके पर पहुंचे और नदी में नितेश को ढूंढ़ने लगे। करीब चार घंटे के बाद नितेश को नदी से बरामद कर उसे बेहोशी हालत में स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी स्थिति गंभीर बता सदर अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रशासन की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश :
ग्यासपुर घाट पर युवक के डूबने के चार घंटे बाद भी स्थानीय प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया, क्योंकि जब डूबने की सूचना दोपरह सीओ, बीडीओ को दे दी गई थी। उसके बाद भी न तो कोई पदाधिकारी ही मौके पर पहुंचा और ना ही एनडीआरएफ /एसडीआरएफ की टीम ही पहुंच पाई। ग्रामीणों ने पदाधिकारियों ने मनमानी एवं शिथिलता का आरोप लगा रहे थे। इस मौके पर जिला पार्षद छोटेलाल यादव, नीतीश कुशवाहा, दिनेश यादव, मनिंदर सिंह, उदय प्रताप राम,समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
स्वजनों के चीत्कार से माहौल हुआ गमगीन :
नितेश कुमार की मौत के बाद स्वजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। पिता रमेश यादव, मां समेत अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। आसपास के ग्रामीण स्वजनों को ढाढ़़स बंधा रहे थे। बताया जाता है कि नितेश यादव दो भाइयों में बड़ा था। वह इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दे रहा था।