- सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहें लोगो को जागरूक
- युवा निभा रहें अपनी जिम्मेदारी, अब है आपकी बारी
- कोरोना ठीक हो चुके व्यक्ति से नहीं करें भेदभाव
- कोरोना ठीक हो चुके व्यक्ति या मेडिकल स्टाफ का मनोबल बढाएं
छपरा: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का प्रसार जिले में भले हीं कम हो गया हो। लेकिन इससे ठीक होने वाले व्यक्तियों के साथ आये दिन भेदभाव करने का मामला सामने आता है। कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति या कोरोना संक्रमितों के इलाज में दिन रात अपने कर्तव्यों का निवर्हन कर रहें डॉक्टरों व कर्मियों के साथ भेदभाव व तिरस्कार किसी भी तरह से सही नहीं है। यह सभ्य समाज के लिए घातक है। अब सामाजिक भेदभाव व तिरस्कार के खिलाफ युवाओं ने आवाज उठाना शुरू कर दिया है। शहर के युवा सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक भेदभाव के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहें है। अपने फेसबुक पर सकारात्मक मैसेज के जरिए लोगों को जागरूक कर रहें, ताकि कोई भी व्यक्ति किसी के साथ भेदभाव नहीं करें।
हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई, अब आपकी बारी
शहर के दहियांवा मुहल्ले के रहने वाले अरविन्द कुमार राय ने कहा कि उन्होंने एक दिन अखबार में पढ़ा कि कोरोना संक्रमण काल में सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवा चैंपियन बनेंगे। उन्होंने सरकार के बातों को मानते हुए अपने फेसबुक पर मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन को शेयर किया है। इसके साथ हीं अन्य युवाओं से भी अपील कि है कि इसके खिलाफ जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें। हमने तो अपनी जिम्मेदारी निभायी है अब आपकी बारी है।
फेसबुक के माध्यम से कर रहे जागरूक
भोजपुरी के जाने माने युवा कलाकार अभिषेक भोजपुरिया ने कहा कि कोरोना संक्रमितों के साथ ठीक होने के बाद भी भेदभाव और उनसे दूरी बनाने के मामले सामने आ रहे हैं इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने युवाओं को जोड़ कर सही जानकारी देने व संक्रमण से मुक्त होने वालों को भेदभाव से बचाने के लिए गाइडलाइन जारी की है। अभिषेक कहते हैं कि वह सरकारी आदेशों का पालन करते हुए अपने आस-पास के लोगो को सामाजिक भेदभाव के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं। इसके साथ हीं अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि सामाज फैले भ्रांतियों को दूर किया जा सके। कोरोना से संक्रमित होने वाले व्यक्ति भी हमारे ही समाज व परिवार के सदस्य है इसलिए उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
समाज के लिए यह कहीं से भी उचित नहीं
जगदम कॉलेज की छात्रा व नेहरू युवा केंद्र के सदस्य कुमारी पंखुरी का कहना है कि जबसे कोरोना संक्रमण शुरू हुआ है तब से यह अक्सर देखने को या सुनने को मिल रहा है कि कोरोना से उबर चुके व्यक्ति साथ भेदभाव हो रहा है । उनके साथ तिरस्कार किया जा रहा है। समाज के लिए यह कहीं से भी उचित नहीं है। इसके खिलाफ हम सभी युवाओं को आवाज उठाना पड़ेगा और एक युवा होने के नाते हम सबकी जिम्मेदारी भी है। सोशल मीडिया संदेशों और ग्राफिक्स को अपने फेसबुक, व्हाट्सएप, स्नैप चैट इंस्ट्राग्राम या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करें।
भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाएंगे हम
रिविलगंज निवासी सोनू कुमार ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव या तिरस्कार समाज के लिए घातक है। यह बीमारी किसी को भी हो सकता है इसलिए किसी के साथ भेदभाव करना कहीं से भी उचित नहीं है। हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। हमारी पूरी टीम भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाकर चैंपियन बनने का काम करेगी।
भेदभाव की जगह कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।