छपरा: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के विस्फोट के बाद वैक्सीन (Vaccination) पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है. देश में अभी तक वैक्सीन लग चुके लोगों की संख्या 11 करोड़ के पार हो चुकी है. हालांकि इनमें से अभी तक केवल करीब दो करोड़ लोगों को ही दूसरा डोज लगा है, ऐसे में बहुत से लोग अपने पहले डोज (First Dose) के बाद के 6-8 हफ्ते पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में इन 9 करोड़ लोगों को भी कई तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत है.
संक्रमण रोग और रोग प्रतिरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पहला डोज लगवा चुके लोगों को अब भी कोरोना वायरस से पूरी तरह से सावधानी बरतने की जरूरत है. ऐसे में लापरवाही नुकसानदायक हो सकती है. यह सच है कि वैक्सीन का पहला डोज कोरोना वायरस से कुछ हद तक सुरक्षा देता है, लेकिन विशेषज्ञों का साफ कहना है कि पहला डोज लगने के बाद व्यक्ति का शरीर कोविड से पूरी तरह से लड़ने के लिए तैयार नहीं होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि पहला डोज कोविड-19 से मौत और गंभीर स्थिति से सुरक्षा जरूर देता है, लेकिन दूसरे डोज का इंतजार कर रहे लोगों को वैसा ही बर्ताव करना चाहिए जैसे उन्हें वैक्सीन लगा ही ना हो. इसका मतलब है कि दूसरे डोज का इंतजार कर रहे लोगों को भीड़ में जाने से बचना चाहिए, मास्क लगाने में कोताही नहीं बरतना चाहिए और साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए.
कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरोंटो में इम्यूनोलॉजी की प्रोफोसर और यूनिवर्सिटी हेल्थ नेटवर्क में वैज्ञानिक एलेनोर फिश का कहना है कि उन्हें लगता है कि उनकी तरह बाकी प्रतिरक्षा विशेषज्ञ भी यही कहेंगे कि जब तक कि दूसरा डोज नहीं लग जाता, तब तक आपको उसी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए जो उन लोगों के लिए है जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके लोगों के लिए अलग से गाइडलाइन जारी की है. उनके घर लोग मिलने के लिए बिना मास्क के आ सकते हैं. यात्रा के लिए उन्हें क्वारेंटीन होने की जरूरत नहीं हैं. लेकिन उन्हें सलाह दी गई है कि सार्वजनिक और भीड़ भरे इलाकों में मास्क पहनने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए.
लेकिन भारत में करीब 9 करोड़ लोगों को दूसरी डोज का इंतजार है तो कनाडा में केवल 2 प्रतिशत से कम जनसंख्या को दोनों डोज लगे हैं, कनाडा में दूसरे डोज के लिए लोग दो महीने तक का इंतजार कर सकते हैं. पहला डोज लगवा चुके लोग ना तो पूरी तरह से सुरक्षित हैं और ना ही पूरी तरह से असुरक्षित हैं.
डॉ फिश का कहना है कि यह किसी व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करता है कि पहले डोज के बाद उसकी आंशिक सुरक्षा की क्या स्थिति होगी. यह सभी में एक सी नहीं रहती. इसका मतलब यही है कि लोग अब भी संक्रमित हो सकते हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि वे किस हद तक बीमार होंगे.फिलहाल इस बात पर विस्तृत शोध नहीं हुआ है कि अगर दूसरे डोज में देरी हुई तो वैक्सीन की प्रभावोत्पादकता पर क्या असर होगा. वहीं यह भी पता लगना बाकी है कि नए वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी कारगर है. लेकिन इसका कतई यह मतलब नहीं है कि हम वैक्सीनेशन रोक दे. जो भी हो फिलहाल तो हमें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करते रहना होगा.
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