छपरा: आमजनों को जागरूक करने के उदेश्य से प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इस बार वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को देखते नेशनल वेबिनार का आयोजन किया जायेगा। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की इकाई की ओर से विश्व एड्स दिवस (1 दिसम्बर) के अवसर पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया है। इसका विषय है एड्स के परिपेक्ष्य में वैश्विक एकजुटता और साझा जिम्मेदारी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) को इसकी जिम्मेदारी दी है। राष्ट्रीय वेबिनार के मुख्य अतिथि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री डॉ हर्ष वर्धन व विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे होंगे। हर वर्ष विश्व एड्स दिवस पर संगोष्ठी व जागरुकता रैली का आयोजन होता है। इस बार कोविड-19 के कारण वर्चुअल मोड से राष्ट्रीय कार्यक्रम का हिस्सा बनना है।
1097 हेल्पलाइन व ‘हम साथी’ एप्प से लें जानकारी
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा एचआइवी एड्स हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। हेल्पलाइन नंबर 1097 से एड्स संक्रमण होने के कारणों व बचाव के बारे में जानकारी ली जा सकती है। इसके साथ ही यदि एड्स की जांच या एड्स संबंधी इलाज सुविधा की भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही ‘हम साथी’ मोबाइल एप्प डाउनलोड कर एड्स से संबंधित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह मोबाइल एप्प एड्स के प्रति जागरूकता लाने और बच्चों में मां के माध्यम से एड्स के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न जानकारियां मुहैया कराता है।
ऐसे कर सकते हैं रोकथाम
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि यौन सम्पर्क से पूर्व बचाव के सुरक्षा के आवश्यक उपाय करें। रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पड़ने पर उसकी सम्पूर्ण जांच अवश्य करवा लें। हमेशा डिस्पोजेबल सुई एवं सीरिंज का उपयोग करें।गर्भवती महिलाओं, टीबी के रोगियों, यौन रोगियों एवं जनसामान्य को निःशुल्क परामर्श एवं जांच सेवा उपलब्ध कराई जाती है। एचआईवी पॉजीटिव एवं एड्स पीड़ितों के उपचार के लिए एआरटी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है, जहां निःशुल्क औषधी एवं उपचार उपलब्ध है।
एचआईवी की जांच कराना जरूरी, लोगों को करें प्रेरित
सिविल सर्जन डॉ. झा ने कहा कि हमें अपने क्षेत्र के लोगों को एचआईवी एड्स के बारे जागरूक करना चाहिए। सभी गर्भवती महिलाओं, टीबी के मरीजों की एचआईवी जांच अवश्य करवानी चाहिए। युवाओं को रक्तदान के लिये प्रेरित करना चाहिए। एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को छूने से उनके साथ रहने से, साथ खाना खाने से, मच्छर काटने से, छींकने या खांसने से संक्रमण नहीं फैलता है। इसलिए एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। वे भी हमारी ही तरह सामान्य जीवन जीने के हकदार हैं। हम यदि सहयोग करेंगे तो एआरटी ईलाज के सहारे वे लम्बे समय तक स्वस्थ्य जीवन जी सकते हैं।
इन लक्षणों से करें एड्स की पहचान
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन
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