पटना: बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है. आर्थिक अपराध इकाई ने पेपर लीक मामले में भोजपुर के बरहरा BDO को हिरासत में लिया है.
BDO जयवर्धन गुप्ता वीर सिंह कॉलेज में एग्जाम सेंटर मजिस्ट्रेट थे, यहीं प्रश्न पत्र को लेकर सबसे ज्यादा धांधली हुई थी. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने मंगलवार सुबह गुप्ता को उनके आवास से गिरफ्तार किया. टीम उन्हें जांच के लिए पटना लेकर आ गई है.
परीक्षा देने पहुंचे थे 6 लाख से ज्यादा उम्मीदवार
रविवार (8 मई) को बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा राज्यभर में 38 जिलों के 1083 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई. इस परीक्षा के लिए तकरीबन 6 लाख से ज्यादा उम्मीदवार परीक्षा देने पहुंच थे. परीक्षा 12 बजे से शुरू हुई, लेकिन उम्मीदवारों को परीक्षा होने से 1 घंटा पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के निर्देश दिया गया था. उम्मीदवार परीक्षा देने पहुंचे. लेकिन परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद पेपर लीक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.
वायरल पेपर से हूबहू मिल गया था सेट-C का पेपर
पटना समेत वैशाली, आरा, औरंगाबाद, सीतामढ़ी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा समाप्त होने के बाद उम्मीदवारों ने टेलीग्राम पर वायरल बीपीएससी पेपर से सवाल मिलाए, जो एक-दूसरे से हूबहू मेल खा रहे थे. जानकारी के मुताबिक बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का सेट-C का प्रश्नपत्र लीक हुआ है.
परीक्षा रद्द होगी या नहीं? कमेटी का किया गठन
बीपीएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने का मामला जैसे ही आयोग के पास पहुंचा तो उसके हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया. बीपीएससी के अध्यक्ष आरके महाजन ने कहा कि प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है जो 24 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी. महाजन ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही आयोग परीक्षा को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा. रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि बीपीएससी 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा रद्द होगी या नहीं? अगर रद्द हुई तो अब कब होगी? पेपर लीक की वजह से जिन उम्मीदवारों नुकसान हुआ है, उन्हें कोई सुविधा मिलेगी या नहीं?