छपरा: कोरोना संकट काल में लोगों में मानसिक तनाव की समस्या भी सामने आ रही है। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बारे में जान कर एवं इसे लागतार टेलीविजन के जरिए देखने और सुनने के कारण लोगों के मन में कई तरह चिंतायें आ रही है. लोग अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित भी महसूस कर रहे हैं. जो लोगों में तनाव एवं अवसाद पैदा कर रहा है. इसलिए जरुरी है कि ऐसे दौर में लोग अपना ख्याल रखें. शारीरिक एवं मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखें. लक्षणों को समझें एवं सतर्क रहें। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। साथ ही कोरोना के उपाचाराधीन मरीजों को मानसिक तनाव से दूर रहने के लिए कर्मियों द्वारा काउंसलिंग भी की जा रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी पोस्टर जारी कर कोरोना काल में मानसिक तनाव से दूर रहने की सलाह दी है। इसके साथ ही मानसिक तनाव से ग्रसित व्यक्तियों के लिए निमहांस की ओर से टॉल फ्री नंबर भी जारी किया गया जिसपर कॉल करके मानसिक तनाव से जुड़ी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। निमहासं द्वारा जारी टॉल फ्री नंबर 080-46110007 पर कॉल कर मानसिक समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
ये हैं मानसिक तनाव के लक्षण
जय प्रकाश विश्वविद्यालय के जेपीएम कॉलेज के साइकोलॉजिकल विभाग सहायक प्रोफेसर डॉ. नीतू सिंह ने बताया कि तनाव होने के कारण शारीरिक एवं मानसिक दोनों स्तर पर बदलाव देखने को मिलते हैं। तनाव होने के कारण शरीर स्तर पर अधिक पसीना का आना, अत्यधिक थकान का होना, मुँह का बार-बार सूखना एवं साँस लेने में तकलीफ़ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जबकि तनाव से मानसिक स्तर पर भी बदलाव आते हैं, जिसमें अत्यधिक चिंता एवं ध्यान केन्द्रित करने में समस्या होती है।
मानसिक तनाव को दूर करने में मेडिटेशन कारगर
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि मेडिटेशन हमें मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में हमारी मदद करता है, वहीं नकारात्मक विचार भी मन में नहीं आते जिससे हम मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ तो रख ही सकते हैं, साथ ही सूकून भी मिलता है और ऐसे वक्त में हमें मेडिटेशन की बहुत जरूरत है ताकि हम खुद को इन विचारों से दूर रख सकें। इन्हें खुद पर हावी न होने दें। मेडिटेशन से कई फायदे होते हैं, जैसे भावनात्मक स्थिरता में सुधार, रचनात्मकता में वृद्धि, प्रसन्नता में संवृद्धि, मानसिक शांति एवं स्पष्टता, परेशानियों का छोटा होना आदि।
सोशल मीडिया से दूरी बनाएं
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि अगर आप इन खबरों से व्याप्त नकारात्मकता से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले सोशल मीडिया से दूर हो जाएं, क्योंकि दिन-रात सिर्फ यही खबरें पढ़ व सुनकर आप परेशान हो सकते हैं इसलिए दूरी ही भली।
अकेले न रहें, परिवार के साथ समय बिताएं
इस समय खुद को मोबाइल के साथ ही व्यस्त न रखें बल्कि अपने परिवार के साथ वक्त बिताएं। अगर आप अकेले बैठते हैं तो कई तरह के विचार मन में आते हैं अत: इनसे बचें और परिवार के साथ समय बिताएं।
इन बातों का जरूर रखें ख्याल
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