पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दरबार चल रहा है। अक्टूबर महीने के प्रथम सोमवार को ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम‘‘ में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के मामलों पर सुनवाई की जा रही है. जनता दरबार में जमीन से जुड़े कई मामले आये। जिस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया। पीड़ित एक युवक ने सीएम नीतीश से फरियाद किया कि अपराधियों ने पहले हमारे पिता की हत्या की। अब हमें धमकी दे रहा। हाजीपुर से आये एक युवक ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे पिता की हाजीपुर जेल में हत्या कर दी गई। इसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं नवादा के एक युवक ने सीएम नीतीश से कहा कि हमारे पिता अगर नक्सली हैं तो उसकी सजा हमें क्यों। पीड़ित महिला की शिकायत पर जब मुख्यमंत्री ने होम के अपर मुख्य सचिव को फोन किया। लेकिन उन्होंने फोन उठाने में देर कर दी।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद अपनी सीट पर बैठे नहीं थे। इस दौरान ही सीएम नीतीश ने उनके टेबल पर लगे फोन कर फोन कर दिया। उन्होंने फोन उठाने में देर कर दी। इस दौरान सीएम को क्षण भर के लिए इंतजार करना पड़ा। फोन उठाते ही सीएम नीतीश ने अपर मुख्य सचिव गृह को कहा-दायें-बायें कहां घूमते रहते हैं ? इधर आइए…..फिर वे भागे-भागे मुख्यमंत्री के पासे पहुंचे। सीएम ने कहा कि इस पीड़ित महिला की शिकायत को देखिए और एक्शन लीजिए।
एक युवक ने सीएम नीतीश से कहा कि हुजूर हमारा क्या दोष है ? अगर हमारे पिता नक्सली हैं तो हम दोनों भाईयों को प्राईवेट नौकरी से क्यों निकाल दिया गया…कंपनी ने बताया कि आईबी और पुलिस की रिपोर्ट पर आपको नौकरी से निकाला जा रहा है। आकिर हमारा क्या कसूर। हमारे पिता नक्सली हैं तो उसकी सजा उन्हें मिले। नौकरी से निकाले जाने के बाद हमारी मां डिप्रेशन में चली गई है। यह शिकायत सुनकर सीएम नीतीश चौंक गये। उन्होंने कहा कि यह बात तो सही कि पिता की सजा पुत्र को क्यों…इसके बाद तुरंत अधिकारियों को फोन लगाकर कहा कि इस मामले को देखिए। शिकायतकर्ता की पूरी बात सुनें और आगे की कार्रवाई करें। आकिर इसे नौकरी से क्यों निकाला गया।
जेल में हत्या की बात सुन सीएम नीतीश चौंक गये और कहा कि जेल में हत्या कर दिया? फिर से सीएम नीतीश ने डीजीपी को लगाया और कहा कि ये वैशाली से आये हैं। जेल में हत्या हो गई और इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। तुरंत इस मामले को देखिए। वहीं हाजीपुर से आये एक दूसरे व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से कहा कि हाजीपुर नगर थाने की पुलिस कब्जा कराने का ठेका लेती है। नगर थाना की पुलिस एसपी की बात को भी नहीं सुनती। शिकायत सुन मुख्यमंत्री ने पीड़ित व्यक्ति को एडीजी के पास भेज दिया।
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