[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]परवेज़ अख्तर/सिवान:- शहर के राजेन्द्र स्टेडियम में तंजीमे हुसैनी के तत्वावधान में जश्ने वेलादते इमाम हुसैन अलै. का आयोजन रविवार को किया गया। हजरत इमाम हुसैन के जन्मदिवस के मौके पर हर साल हुसैन डे के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से दिल्ली से आये राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ग्युरुल हसन, पूर्व मंत्री व राजद नेता अवध बिहारी चौधरी, राजद जिलाध्यक्ष परमात्मा राम, जदयू नेता व सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मंसूर आलम, पूर्व विधायक इन्द्रदेव भगत, माले नेता अमरनाथ यादव, धनंजय सिंह, शबनम नवाज, ए आर नवाज उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत तिलावते कुरआन पाक से हाफिज शहादत हुसैन ने की। इस मौके पर अपने तकरीर में कलियर शरीफ से आये सूफी आबिद हुसैन ने कहा कि वेलादते इमाम हुसैन मनाना इसलिए जरूरी है कि इसी से इंसानियत की पनाह और दिने हक्कानीयत की बक़ा है (इसके बगैर सब नामुक़म्मल है) उन्होंने कहा कि हुसैन ही एक जात ऐसी है जिन्हें बिना मतभेद के सारी दुनिया मानती है। और हुसैन के जरिये ही अल्लाह और उसके रसूल की दुनियाये इंसानियत को मार्फत हासिल है। जौनपुर से आये सैयद काजिम मेंहदी ने कहा कि करबला का वाक्या किसी हुकूमत के लिए नही थी, इंसानियत के लिए थी। हजरत इमाम हुसैन अलै. ने पूरी इंसानियत के लिए अपनी शहादत दी। राँची से आये मौलाना तहजीबुल हसन ने कहा कि गाँधी जी ने इमाम हुसैन के सिधान्तो पर ही अमल कर हिन्दुस्तान को आजाद कराने में कामयाबी हासिल की। मौलाना शमीम हैदर तोराबी ने कहा कि मोहर्रम हम मनाते है तो हजरत इमाम हुसैन अलै. का वेलादत (जन्मदिन) तीन शाबान को धूम धाम से मनाना चाहिए। जदयू नेता मंसूर आलम ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन की वेलादत उर्दू महीना के तीन शाबान को है उनका जन्मदिवस के मौके पर कई वर्षों से कार्यक्रम होता है जिसमे देशभर से ओलेमा व शोअरा तसरीफ लाते हैं।
अजमेर शरीफ से आये शैलेन्द्र सिंह ने अपना कलाम पढ़ा। हिन्दुस्तान में आप चले आइये हुसैन, कदमो को चूम-चुम के खिदमत करेंगे हम। फारूक सिवानी ने इमाम हुसैन की शान में अपना कलाम पढ़ा दरे हुसैन अकीदत की ऐसी मंजिल है, जहाँ नेफाक का कोई गुजर नही होता। शंकर कैमुरी ने कहा कि रखा न हाथ आपने दस्ते यजीद पर, शब्बीर ने ज़मीर का सौदा नही किया। नन्हा बालक फराज फारूक ने कलाम पढ़ खूब वाह वाही लूटी पनप उठेंगे वहीं तालिबान के पौदे, जहाँ हुसैन का चर्चा कभी नही होगा। तनवीर जौनपुरी ने कहा सजदाये हक़ में गला अपना कटाने वाले, नोके नेजा पे कुरआन पढ़ा करता है। ज़ाहिद सिवानी ने अपना कलाम पढ़ा दिने खुदा के बाब का मंजर हुसैन हैं, अल्लाह के रसूल का तेवर हुसैन हैं। गुलाम हुसैन सिवानी ने पढ़ा ये किसका कदम आया जेहरा तेरे आंगन में, है नूर का इक दरिया जेहरा तेरे आंगन में। इनके अलावा भी लखनऊ से आये स्वामी सारंग जी, आदिल गांधी दिल्ली, अख्तर वारसी, कायम रज़ा खुरमाबादी, रेहान मुस्तफाबादी, मौलाना वासीउलहक़, मौलाना नदीमुल कादरी, कैश गोपालपुरी,मौलाना नैयर, शब्बर इमाम आदि ने तकरीर व अपना कलाम पढ़ा। प्रोग्राम के दौरान लोगो के बीच सेवई, ठंडा व ठंडा पानी का इंतजाम किया गया था।कार्यक्रम का संचालन ज़ाहिद कानपुरी ने किया। इस मौके पर नसीम अख्तर, सोना खान मुखिया, औरंगजेब आलम, नवलपुर करबला कमिटी के सचिव मो. आजाद, रिजवान अहमद, अनवर सिवानी, लाल बाबू प्रसाद,गुलाम हैदर, इरशाद अहमद, गोल्डेन, मुस्ताक अधिवक्ता, कमाले फारूक, मो. नेहाल समेत सैकड़ो लोग मौजूद थें।