छपरा: परिवार नियोजन पर अलख जगाने की नई पहल की गयी है। सास-बहू एवं बेटी के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाई जा जाएगी। मिशन परिवार विकास अभियान के दौरान सास-बहू व बेटी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। सम्मेलन के कुशल क्रियान्वयन की जिम्मेदारी एएनएम को सौंपी गई है। जिले में दो चरणों मे मिशन परिवार विकास अभियान का संचालन किया जाएगा। 14 से 20 जनवरी तक दंपति संपर्क सप्ताह तथा 21 से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा।
दस जोड़ियों का चयन करती है एएनएम
एएनएम सास-बहू की कम से कम दस जोड़ियों का चयन करती हैं और उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुलाती हैं। इस सम्मेलन में आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविकाएं भी शामिल होती हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के अवसर पर इस सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। इसके माध्यम से सुरक्षित मातृत्व के साथ परिवार नियोजन पर चर्चा की जाती है।
बैलून के माध्यम से दिया जाता है संदेश
जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया सास-बहू सम्मेलन के दौरान सास और बहू को चार पांच बैलून गोद में दिया जाता है और उसे संभालकर रखने को कहा जाता है। लेकिन चार पांच में से एक-दो बैलून हाथ से छूट कर गिर जाता है। फिर एक जोड़ी सास-बहू को दो बैलून दिया जाता है जिसे वे असानी से पकड़ लेती हैं और नीचे नहीं गिरता है। जिससे यह संदेश दिया जाता है कि अगर ऐसे हीं चार पांच बच्चे होंगे तो संभालना मुश्किल होगा। इससे आर्थिक स्थिति भी खराब होगी। दो बच्चों को बाद परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
सास-बहू करती है काना-फूसी
सास-बहू सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य विभाग के टीम के द्वारा सास-बहू के जोड़ियों के साथ खेल खेला जाता है। जिसमें सास-बहू काना-फूसी करती हैं। इसके माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि काना-फूसी व परिवार नियोजन के बारे में अफवाहों पर ध्यान न दें। बल्कि आशा या एएनएम के द्वारा बताये गये परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करें।
परिवार नियोजन के इन साधनों पर चर्चा
सास-बहू सम्मेलन में परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी दी जाएगी। स्थायी साधनों में महिला नसबंदी एवं पुरुष नसबंदी एवं अस्थायी साधनों में कॉपर टी, गर्भ-निरोधक गोली(माला-एम एवं माला-एन), कंडोम एवं इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स के बारे में बताया जा जाएगा। नवीन गर्भनिरोधक ‘अंतरा एवं ‘छाया’ के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जा रहा है। ‘अंतरा’ गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। साल में इंजेक्शन का चार डोज दिया जाता है। वहीं ‘छाया’ गर्भ निरोधक एक साप्ताहिक टेबलेट है।
एएनएम देंगी ये जानकारी
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