अकीदत के साथ पढ़ी गई रमजान के पहले जुमे की नमाज

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परवेज़ अख्तर/सिवान :- जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों के मस्जिदों में अकीदत के साथ रमजान के पहले जुमे की नमाज अदा की गई। कई रोजेदारों ने पांचों वक्त की नमाज अदा कर अल्लाह की इबादत की और उनकी रहमत पाने की दुआ की। दोपहर होते ही सभी रोजेदार निर्धारित समय पर अपने नजदीक के मस्जिदों में पहुंच गए तथा एक साथ नमाज अदा की। कम उम्र के बच्चों ने भी खुदा की इबादत में अपना सिर झुकाया। सिवान में बड़ी मस्जिद, दरबार मस्जिद,मखदुम सराय मस्जिद, गोसुलवारा मस्जिद, ग्यारहवीं मस्जिद, इस्लामिया हाईस्कूल मस्जिद, रजिस्ट्री कचहरी मस्जिद, नवलपुर सहित सभी मस्जिदों में नमाजियों की काफी भीड़ देखी गई। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में महाराजगंज जामा मस्जिद,तक्कीपुर,फखरुद्दीन पुर, तरवारा, दारौंदा, रुकुंदीपुर, भीखाबांध, सतजोड़ा,बसंतपुर, भगवानपुर, ब्रह्मस्थान, मोरा मैरी, चौरासी,मदारपुर, लखनौरा, गोरेयाकोठी, शेखपुरा, दुधरा, ख्वासपुर,बड़हरिया, यमुनागढ़, नौतन, मैरवा, इंगलिश, दरगाह, कविता,छोटका मांझा, बड़कामांझा, गुठनी, दरौली, हसनपुरा, आंदर, फरीदपुर, शेखपुरा, गोपालपुर, हुसैनगंज समेत अन्य जगहों पर रमजान के पहले जुमे की नमाज अदा की गई। इस दौरान लाल, हरा, सफेद टोपी से पूरे मस्जिद का नजारा ही बदल गया था। तेज धूप के बावजूद भी नमाज पढ़ने को ले बच्चों से बूढ़ों तक में काफी उत्साह देखा गय।

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मस्जिदों में किए गए थे पुख्ता इंतजाम

रमजान के जुमे की नमाज को लेकर विभिन्न मस्जिदों में पुख्ता इंतजाम किया गया था। इस दौरान मस्जिदों के आसपास की सफाई, नमाजियों के बैठने के लिए कालीन की व्यवस्था, हाथ-पैर धोने के लिए पानी तथा धूप से बचने के लिए टेंट आदि की व्यवस्था किए गए थे। वहीं विभिन्न मस्जिदों के पास शांति व्यवस्था का ले पुलिस भी गश्त करती रही।

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देर रात तक पढ़ी गई तरावीह

मस्जिदों के अलावा मदरसों में भी रोजेदारों ने देर रात तक तरावीह पढ़ी। कुछ ने एक सप्ताह, तो कुछ 10 और 10 दिन में पूरी कुरान पढ़ने की मंशा से तरावीह पढ़ी। इन मस्जिदों के आसपास जुमे की नमाज के मद्देनजर सफाई कराई गई थी।

नमाजियों ने सुन्नत पढ़ें

रमजान के इस मुकद्दस महीने में पहले जुमे की नमाज से पहले नमाजी अजान से पहले ही मस्जिदों में पहुंचना शुरू हो गए थे। जैसे जुमे की नमाज शुरू हुई, उसके बाद नमाजियों ने सुन्नतें पढ़ीं। उसके बाद मस्जिदों में इमामों ने सभी रोजेदारों को रमजान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस महीने में सभी को पाबंदी के साथ नमाज एवं रोजे रखने चाहिए। कुरान की तिलावत करें। उन्होंने बताया कि इस महीने को बेकार न जाने दिया जाए।

रमजान में कैद कर दिए जाते हैं शैतान

जिले के मैरवा स्थित मिस्करही मस्जिद के इमाम हफीज मो.शमीम ने रमजान की फजीलत बयान करते हुए कहा कि यह वही महीना है जिसमें कुरआन उतारा गया। इस महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं । जहन्नुम(नरक)के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। शैतानों को कैद कर दिया जाता है। अल्लाह तआला इबादतगुजार बंदों की दुआ कबूल करते हैं। मौलाना ने आगे कहा कि हर इबादत का सवाब बढ़ा दिया जाता है। नफिल नमाज का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का सवाब सत्तर गुना बढा दिया जाता है। हर रात लाखों गुनहगार बख्शिश दिए जाते हैं। इस महीने की एक रात ऐसी है जो हजार महींनों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि रसुलुल्लाह ने फरमाया है कि रोजेदार की हर एक दुआ कबूल होती है। रमजान में हर तरह की बुराइयों से बचने की सख्त हिदायत है। जानबूझ कर कुछ खा पी लेने से रोजा टूट जाता है। इसी प्रकार रोजा याद हो और हुक्का, बींड़ी, सिगरेट, सिंगार पीने, पान खाने, कान में तेल डालने, नाक में पानी चढ़ाने से कि दिमाग तक चढ़ जाए रोजा टूट जाता है। इसी तरह झूठ बोलने, चुगली करने, गाली देने, नाच एवं फिल्म देखने से रोजा मकरूह हो जाता है। रमजान की चांद दिखने से लेकर ईद का चांद होने तक नियमित 20 रेकात तरावीह नमाज पढ़ना सुन्नत-ए-मोअकदा है। रमजान के महीने में कुरआन नाजिल हुआ। इस महीने में कम से कम एक खत्म कुरआन पढ़ना या सुनना चाहिए। इसका बेहद सवाब है।​