परवेज अख्तर/सिवान: जिले के सिसवन प्रखंड के कचनार पंचायत के शुभहाता गांव से लेकर बघौना पंचायत के जयी छपरा तक 16 किमी. में गोगरा तटबंध फैला है। बाढ़ से बचाव में इस तटबंध की भूमिका महत्वपूर्ण है। बांध पर हर साल सियार, साहिल व चूहे इसे क्षतिग्रस्त कर देते हैं। गांव के लोग मवेशियों को चराने के लिए भी तटबंध पर आ जाते हैं। इससे भी तटबंध को क्षति पहुंचती है। इसे ध्यान में रखते हुए 15 मई के पहले तटबंध की मरम्मत व उसपर उगी झाड़ियों की सफाई करने का निर्देश जारी किया गया था, लेकिन विभाग सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अभी तक अपना कार्य पूरा नहीं किया है। 16 किलोमीटर तटबंध पर सैकड़ों गड्ढे व जर्जर बांध दिख जाएंगे। विभाग सिर्फ मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति करती है। शुभहाता गांव से लेकर भागर तक 1.5 किलोमीटर में करीब दो दर्जन से अधिक रैटकट, केटल कट, कैटकट के गड्ढे हैं, लेकिन विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। जब भी जिले के पदाधिकारी तटबंध का निरीक्षण करने आते हैं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी उन्हें चिह्नित जगह ही दिखाते हैं जहां विभाग के द्वारा कुछ कार्य किया गया होता है। इससे विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही नहीं पकड़ी जाती है और अधिकारी बाढ़ की विभीषिका के समय आपदा में अवसर ढूंढ़ कर खूब पैसा बनाते हैं।
स्लूइस गेट की गई है मरम्मत :
प्रखंड के दक्षिणी भाग के गांव ग्यासपुर, साईपुर, ट्रेनवा माधोपुर, गंगपुर सिसवन, कचनार, भागर को सरयू नदी की बाढ़ के बचाने के लिए ग्यासपुर व ट्रेनवा माधोपुर में एंटी फ्लड स्लूइस गेट का निर्माण किया गया है जबकि अन्य जगहों पर स्लूइस गेट की मरम्मत की गई है, लेकिन मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है। वहीं ग्यासपुर से लेकर कचनार तक विस्तृत तटबंध की मरम्मत शुरू नहीं हुई है। यहां तटबंध में दर्जनों जगहों पर रैट कट व फाक्स होल के चलते बड़े-बड़े छेद हैं। समय रहते इसकी मरम्मत नहीं कराई गई तो सिसवन का दक्षिणी भाग का बहुत बड़ा हिस्सा सरयू की बाढ़ से प्रभावित हो सकता है। हालांकि लोगों को बाढ़ से सुरक्षित रखने के आश्रय स्थलों की पहचान कर ली गई है। ज्ञात हो कि बाढ़ की पूर्व तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी ने आठ जून को तटबंध का निरीक्षण किया था, लेकिन प्रत्येक पदाधिकारियों की तरह आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें भी ग्यासपुर में हुए कार्य को ही दिखाया जबकि सिसवन, भागर, कचनार में तटबंध काफी जर्जर हालत में है, लेकिन अधिकारियों को डर था कि कहीं उनपर गाज नहीं गिर जाए। हालांकि जिलाधिकारी ने सभी तटबंधों की जांच कर जरूरी कार्य बरसात से पहले पूरा करने काे कहा है। एसडीओ रामबाबू बैठा ने बताया कि मैंने निरीक्षण के दौरान सरयू नदी के तटबंध पर रेनकट, कैटल कट, रैटकट देखा है इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। जैसे ही आदेश आएगा वहां कार्य किया जाएगा।
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