परवेज अख्तर/सिवान: जिले के महाराजगंज शहर के पुरानी बाजार में दबंगों ने गुरुवार के अहले सुबह तीन बुलडोजर के सहारे हार्ड वेयर और मेडिकल हॉल सहित आधा दर्जन दुकानों को ध्वस्त कर दिया.इस घटना के बाद पीड़ित दुकानदार सहित अन्य व्यवसायी सड़क पर उतर आये. दुकानदारों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन करते हुए घटना के लिये पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. आखिरकार आरोपियों पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद दुकानदारों का आक्रोश शांत हुआ. इस बीच मौके पर पहुंचे सांसद जनार्दन सिंह सिग्रिवाल ने पीड़ित दुकानदारों व पुलिस अधिकारियों से वार्ता की. सांसद ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया.घटना के संबंध में बताया जाता है कि यहां भूमि को लेकर पहले से विवाद चला आ रहा है. पीड़ित पक्ष को किसी अनहोनी की आशंका पूर्व से ही थी. इसको लेकर पुलिस को दी गयी सूचना के आधार पर घटना के पूर्व पूरी रात मौके पर पुलिस बल तैनात रही. पीड़ित पक्ष के अनुसार सुबह 30 -40 की संख्या में पहुंचे लोगों ने तीन बुलडोजर से आधा दर्जन दुकानों को ध्वस्त कर दिया. दबंगों ने दुकानदार की पिकअप को भी क्षतिग्रस्त कर दिया तथा मौके पर मौजूद एक कर्मचारी को भी नहीं बख्शा. घटना की जानकारी मिलते ही शहर के व्यवसायी इकठ्ठा होकर हो हल्ला करने लगे.यह देख जमीन पर कब्जा करने आये लोग भागने लगे. इस दौरान लोगों ने तीन बुलडोजर में से दो को घेर लिया. जबकि एक बुलडोजर का चालक वाहन लेकर भागने में सफल रहा. इसी बीच पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी. पुलिस ने दो जेसीबी को जब्त कर लिया. दुकानदार बृजकिशोर गुप्ता ने बताया कि इस जमीन पर विवाद है और यह मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. व्यवसायियों का आरोप है कि पुलिस को सुचना दी गई, लेकिन महज 500 मीटर की दूरी पर थाना के होने के बाद पुलिस 45 मिनट के बाद घटना स्थल पर पहुंची. तब तक दबंगों ने घटना को अंजाम दे दिया था. दुकानदार बृजकिशोर प्रसाद ने बताया कि दरौंदा थाने के सवान विग्रह गांव का एक व्यक्ति गलत तरीके से मेरी कुछ जमीन की रजिस्ट्री करा लिया है. यह मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है.इसी बीच उनके नेतृत्व में 30-40 की संख्या में हथियार से लैश बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया. घटना के बाद महिलाएं, बच्चे रोने लगे. महिलाओं ने पुलिस पर आरोप लगाया कि घटना हो रही थी. पुलिस अधिकारियों से लेकर 112 को 20 से 25 बार फोन किया गया, लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया. परिजनों का आरोप है कि इसमें पुलिस की भी मिली भगत है. महिलाओं ने कहा कि यदि हमलोगों को इंसाफ नहीं मिला तो हमलोग आत्मदाह करने को मजबूर होंगे. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे एसडीपीओ राकेश कुमार रंजन ने व्यवसायियों को आश्वासन दिया कि इस घटना में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
घटना को लेकर लोगों ने किया सड़क जाम
घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने शहर के शहीद स्मारक के समीप सड़क पर बैठ दरौंदा महाराजगंज मार्ग को जाम कर दिया. जिससे आवागमन दो घंटे के लिए बाधित हो गया. सड़क जाम कर रहे लोगों ने पुलिस के विरोध में जमकर नारेबाजी की. लोग पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए इस घटना में शामिल लोगों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे. घटना के विरोध में दुकानदारों ने अपनी अपनी दूकाने बंद रखी. व्यवसायियों का कहना है कि इस तरह की घटना से यह प्रतीत होता है कि उनका यहां रहना मुश्किल हो जायेगा.
एफआईआर दर्ज करने के लिए दिया आवेदन
पीड़ित पुरानी बाजार निवासी नंदकिशोर प्रसाद की पत्नी किरण कुमारी ने थाने में आवेदन देकर कहा है उक्त भूमि का मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. जिसमें न्यायालय ने गत 27 फरवरी को आदेश दिया कि उक्त जमीन पर प्रतिपक्षी नहीं जायेंगे.अपने आवेदन में पीड़िता ने कहा है कि उन्हें यह सूचना मिली कि उनके दुकान और घर को तोड़ने के लिए वे लोग गोलबंद होकर आ रहे है. इन्होंने इसकी सूचना एसडीपीओ और थानाध्यक्ष को दिया. थानाध्यक्ष ने इस सूचना पर पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति भी उनके घर के सामने की गई. पुलिस उनके घर के समीप रात भर मुस्तैद रही. लेकिन सुबह साढ़े पांच बजे पुलिस हट गयी. इसके बाद 50 की संख्या में लोग अपने हाथ में हथियार लिए तीन बुलडोजर के साथ उनके घर और दुकान पर आ धमके और हथियार के भय दिखा उनके दुकानों को ध्वस्त कर दिया. पीड़िता ने इस घटना में दस व्यक्ति काे नामजद करते हुए 40 अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया है.
क्या कहते हैं एसडीपीओ
एसडीपीओ राकेश कुमार रंजन ने घटना स्थल पर ही कहा कि इस घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने बताया कि पीड़ित के आवेदन के आधार पर कार्रवाई की जायेगी.
सांसद ने अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश
घटना की सूचना मिलने पर महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल ने एसडीपीओ राकेश कुमार, थानाध्यक्ष रत्नेश्वर कुमार वर्मा के साथ घटना स्थल का मुआयना किया. सांसद ने खेद प्रकट करते हुए कहा जो भी आदमी ऐसा किया है वह गलत हुआ है. ऐसे मामले या तो बैठ कर या कोर्ट के निर्णय के अनुसार हल होना चाहिए. पुलिस पदाधिकारियों को हिदायत दिया कि मामले में दूध का दूध पानी का पानी निर्णय या एक्शन होना चाहिए . मौके पर बड़ी संख्या में व्यवसाई मौजूद थे. वहीं आरोपी पक्ष के लोगों का कहना था भूमि बैनामा कराया गया है. हम लोग अपने भूमि पर कब्जा करने गये थे.
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