पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम के मुखिया जीतन राम मांझी अब राजनीति के सबसे गंदे स्तर को भी पार करने लगे हैं। जिस भाषा का इस्तेमाल भारत की राजनीति में आज तक किसी पार्टी ने नहीं किया था, अब जीतन राम मांझी अपनी अपने वोट बैंक के लिए मांझी उस भाषा का भी इस्तेमाल करने से परहेज नहीं किया। मांझी ने एक कार्यक्रम के दौरान ब्राह्मणों को ‘हरामी’ कहकर संबोधित किया है। उन्होंने इस दौरान भारतीय संस्कृति में सत्यनारायण भगवान की पूजा को लेकर भी सवाल उठाया है।
पंडितों को गाली देनेवाला गांधी मैदान में आयोजित भुइंया समाज के वार्षिक समारोह का बताया जा रहा है, जहां मांझी अपने संबोधन में यह बात बोलते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में मांझी कह रहे हैं कि आज हमारे समाज के गरीब वर्ग में भी सत्यनारायण भगवान पूजा का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। लोग पूजा कराने के लिए पंडितों को बुलाते हैं, लेकिन जब बात खाने की होती है, तो पंडित हरामी लोग खाने की जगह नगद देने की मांग करते हैं। जीतन राम मांझी यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने अपने ही समाज के लोगों की सोच पर भी सवाल उठा दिया है। मांझी ने अपनी बातों से साफ कहा है कि उनके समाज में जो लोग सत्यनारायण भगवान की पूजा कराते हैं, वह गलत हैं।राज्य के पथ निर्माण मंत्री नतिन नवीन ने मांझी को मर्यादा का ध्यान रखने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, किसी भी व्यक्ति को किसी भी समाज के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने मांझी को सुझाव देते हुए कहा कि जीतन राम मांझी को इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर किसी की बात से गुस्सा हो जाएँ तब भी इंसान को शब्दों की मर्यादा नहीं भूलना चाहिए. मांझी को मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए।कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि तत्काल जीतन राम मांझी को माफी मांगनी चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक कर क्या रहे हैं . नीतीश कुमार को खुद इस पर संज्ञान लेना चाहिए. उनके बेटे को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए, साथ ही साथ बीजेपी गठबंधन में साथ है तो बीजेपी क्या कर रही है.
अगर जीतन राम मांझी पर एक्शन नहीं होता है तो हम समझेंगे कि इस बयान के साथ बीजेपी और जेडीयू दोनों जीतन राम मांझी के साथ खड़ी है। वहीं मांझी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, हमने किसी के खिलाफ कोई अमर्यादित शब्द नहीं कहा है. आस्था के नाम पर हमारे समाज में बढ़ते आडम्बर पर टिप्पणी की थी. अगर किसी को हमारे शब्दों से ठेस पहुंचा हो तो मैं ब्राह्मणों से माफी मांगता हूँ. हालाँकि ब्राह्मणों पर सफाई देने के दौरान मांझी ने अपने समाज (मुसहर) के लोगों के लिए सार्वजनिक तौर पर अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया।
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