रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर सियासी जमावड़े से निकाले जा रहे सियासी मायने, जानिए इनसाइड स्टोरी

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी के मौके पर चिराग पासवान के पटना स्थित आवास पर नेताओं और उनके समर्थकों का राजनैतिक जमावड़ा हुआ। इस आयोजन में बिहार की राजनीति के कई नए संकेत छिपे हैं। रामविलास पासवान की बरसी में सभी सियासी दलों के नेता पहुंचे। नेताओं ने रामविलास पासवान के प्रति अपनी आस्था जताकर उनके समर्थकों में पैठ बनाने की कोशिश की। यहां तक कि पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा प्रत्याशियों का विरोध कर रहे तेजस्वी यादव भी श्री पासवान को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। लेकिन बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण और बड़ा स्थान रखने वाले नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू का इस पूरे आयोजन से दूर रहना बड़े संकेत दे रहा है। चर्चा होने लगी है कि निधन के बाद जब रामविलास पासवान का शव पटना पहुंचा तो नीतीश कुमार ने एयरपोर्ट पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि तो दी लेकिन पटना में आयोजित बरसी में नितीश कुमार क्यों शामिल नहीं हुए।

चिराग के घर पर तेजस्वी का गर्मजोशी से हुआ स्वागत

यह घटना राजनीति में व्यक्तिगत पसंदगी और नापसंदगी को तरजीह देने के संकेत दे रहा है। राजनीति के जानकार इसे ठीक नहीं बता रहे। दूसरी ओर चिराग पासवान के घर पर पहुंचे तेजस्वी यादव का चिराग पासवान और उनकी मां ने जिस गर्मजोशी से स्वागत किया वह अलग संकेत दे रहा है। दरअसल बिहार के दो राजनीतिक घराने के ये दो उत्तराधिकारी हैं जिनका लक्ष्य बिहार की सत्ता हासिल करना है। दोनों नीतीश कुमार को हटाकर स्वयं को स्थापित करने के लक्ष्य से काम कर रहे हैं। दोनों युवा भली-भांति समझते हैं उनके लिए रास्ता आसान नहीं है। पिता की पुण्यतिथि के मौके पर चिराग पासवान ने खुद को मजबूत करने की कोशिश की है। शायद यही वजह है कि इस उभरती जुगलबंदी से नीतीश कुमार ने दूरी बना ली।

चिराग पासवान के तीखे बयान से अभी भी नाराज हैं नीतीश कुमार!

जानकार बताते हैं कि चिराग पासवान ने सीएम से मिलने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। चिराग ने जो आमंत्रण पत्र भेजा उसका भी कोई जवाब नहीं आया। माना जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर नीतीश कुमार चिराग पासवान से अभी भी खफा है। चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव में जदयू प्रत्याशियों के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारकर जदयू को बड़ा नुकसान पहुंचाया। चिराग पासवान द्वारा नीतीश कुमार को बार-बार जेल भेजे जाने की बात को नीतीश कुमार अभी तक भूल नहीं पाए हैं। अब रामविलास की बरसी के बहाने तेजस्वी और चिराग पासवान के बीच बढ़ती नजदीकियों ने नीतीश कुमार को नाराजगी की एक नई वजह दे दी है। लगता है कि नीतीश कुमार अभी चिराग को बख्शने के मूड में नही हैं। लोजपा में हुई टूट ने चिराग को पहले से हीं कमजोर कर रखा है।

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